बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट से हैरान कर देने वाली खबर आई है। बालाघाट में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की पोल खोलने वाली एक तस्वीर सामने आई है। यहां अस्पताल में बिजली जाने के बाद डाक्टरों ने मोबाइल फ्लैश और टार्च की रोशनी के सहारे महिला की डिलीवरी की। डाक्टरों का कहना है कि तेज आंधी […]
बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट से हैरान कर देने वाली खबर आई है। बालाघाट में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की पोल खोलने वाली एक तस्वीर सामने आई है। यहां अस्पताल में बिजली जाने के बाद डाक्टरों ने मोबाइल फ्लैश और टार्च की रोशनी के सहारे महिला की डिलीवरी की। डाक्टरों का कहना है कि तेज आंधी तूफान के कारण बिजली चली गई थी। अस्पताल में लगे सोलर लाइट की बैटरी भी डिस्चार्ज होने के कारण टार्च की रोशनी में महिला की डिलिवरी करनी पड़ी थी।
ख़बरों की मानें तो बुधवार को बालाघाट के लामता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। तभी आंधी तूफान और वर्षा के कारण ग्राम अतरी में विद्युत लाइन पर पेड़ गिरने से पूरे क्षेत्र की बिजली चली गई थी। इस बीच अस्पताल में सोलर लाइट चल रही थी। मगर कुछ देर बाद उसकी बैटरी भी डिस्चार्ज हो गई जिससे अस्पताल में अंधेरा हो गया।
अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि तभी ग्राम नगरवाड़ा की एक गर्भवती महिला प्रीति को डिलीवरी करवाने लाया गया था। महिला की डिलिवरी करनी भी जरुरी था। ऐसे में डाक्टरों ने इमरजेंसी बल्ब, मोबाइल के फ्लैश और टार्च का इस्तेमाल किया और महिला की सुरक्षित डिलिवरी कराई।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि लामता स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को महिला व पुरुष नसबंदी आपरेशन शिविर आयोजन था। इस दौरान आपरेशन कराने के लिए दोपहर में महिला और पुरुषों की भीड़ लग गई थी। तभी बिजली चली गई थी और सौर ऊर्जा से आपेरशन किये जा रहे थे। बताया गया कि नसबंदी शिविर में 32 महिलाएं व एक पुरूष का आपरेशन किया गया है।
लामता बीएमओ डा थैलेश गौपाले ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लामता में नसबंदी शिविर का आयोजन था। एक लेडी को इमरजेंसी में प्रसव करवाने लाया गया था। डिलीवरी करवाते समय अचानक बिजली चली गई थी। सौर ऊर्जा की बैटरी डिस्चार्ज होने के कारण पूरी बिजली गुल थी। ऐसे में टार्च की रोशनी में इमरजेंसी में प्रसव कराने आई महिला की डिलीवरी की गई। आपको बता दें, प्रसव के बाद मां और बच्चा दोनों ठीक हैं।
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