सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मुफ्त उपहारों के खिलाफ एक याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस मामले को अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया गया है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मुफ्त उपहारों के खिलाफ एक याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस मामले को अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया गया है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि विधानसभा या आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहारों, खासकर नकदी के रूप में, के वादे को रिश्वत कहा जाना चाहिए। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए यह तक कहा कि लोगों को मुफ्त में राशन मिल रहा है। लोगों को बिना काम किए पैसे मिल रहे हैं… इस वजह से लोग काम करने से बचने की कोशिश कर रहे हैं।’ सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी बेघरों के लिए आश्रय की मांग वाली एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आई। अब सवाल यह है कि क्या मुफ्त की योजनाएं लोगों को निठल्ला और कामचोर बना रही हैं ? इस बीच iTV नेटवर्क ने इस मुद्दे पर एक सर्वे किया है। आइए जानते हैं सर्वे के नतीजे…
1 सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के वक्त मुफ्त की योजनाओं की घोषणा को गलत ठहराया है .. आपकी राय ?
मुफ्त योजना चलती रहे 41.00 %
मुफ्त योजना बंद हो 55 .00 %
कह नहीं सकते 04.00 %
2 क्या मुफ्त की योजनाएं लोगों को निठल्ला और कामचोर बना रही हैं ?
हाँ 77.00 %
नहीं 55.00 %
कह नहीं सकते 01.00 %
3 मुफ्त की योजनाओं के बजाय रोज़गार देने पर फोकस होना चाहिए ?
हाँ 98.00 %
नहीं 02.00 %
कह नहीं सकते 00.00 %
4 क्या फ्री बीज़ का ऐलान राजनीतिक दल सिर्फ़ और सिर्फ़ पब्लिक के वोट पाने के लिए करते हैं ?
हाँ 91.00 %
नहीं 06.00 %
कह नहीं सकते 03.00 %
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