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किसानों की परेशानी सुलझाने वाली SC की कमेटी ने खर्च के लिए मांगे 5 करोड़, पंजाब और हरियाणा CM को भेजा बिल

रिपोर्ट के अनुसार, समिति के एक सदस्य ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों को समिति को लॉजिस्टक मददत देने का निर्देश दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मामला मुख्यमंत्री भगवंत मान के कार्यालय को भेज दिया गया है। अधिकारी ने कहा, 2.5 करोड़ रुपए की राशि काफी बड़ी है।

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Kisan Andolan
  • January 4, 2025 9:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 days ago

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने पंजाब और हरियाणा सरकार से ढाई-ढाई करोड़ रुपए मांगे हैं। हरियाणा सरकार ने यह राशि मंजूर कर ली है, लेकिन पंजाब सरकार ने अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है। समिति को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन और कृषि संकट का समाधान निकालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मामला मुख्यमंत्री भगवंत मान के कार्यालय को भेज दिया गया है। अधिकारी ने कहा, 2.5 करोड़ रुपए की राशि काफी बड़ी है। इसे विभागीय स्तर पर तय नहीं किया जा सकता। इसे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। हालांकि, सवाल यह है कि इतनी बड़ी राशि का समिति क्या करेगी?

समिति में कौन शामिल 

समिति की संरचना और कार्यक्षेत्र 2 सितंबर, 2024 को गठित इस समिति के अध्यक्ष पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह हैं। अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बीएस संधू, कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा, अर्थशास्त्री प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन और पंजाब राज्य किसान एवं कृषि श्रमिक आयोग के अध्यक्ष सुखपाल सिंह शामिल हैं। समिति वर्तमान में हरियाणा के पंचकूला स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस से काम कर रही है और बैठकें चंडीगढ़ स्थित पंजाब किसान भवन और हरियाणा निवास में होती हैं।

लॉजिस्टक मदद देने का निर्देश

रिपोर्ट के अनुसार, समिति के एक सदस्य ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों को समिति को लॉजिस्टक मददत देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, “वाहनों के अलावा समिति को ईंधन, सहायक कर्मचारी, शोधकर्ता, टाइपिस्ट और अन्य कर्मचारियों की आवश्यकता है।

विशेषज्ञों को बुलाने, उनके रहने और खाने की व्यवस्था करने के लिए भी धन की आवश्यकता है। समिति के सुचारू संचालन के लिए यह खर्च आवश्यक है।” उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा के अधिकारियों ने पहली बैठक में ही इस खर्च को पूरी तरह से वहन करने की पेशकश की थी। लेकिन यह तय हुआ कि खर्च को दोनों राज्यों के बीच 50:50 के अनुपात में बांटा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, “दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक उच्च स्तरीय समिति को सभी लॉजिस्टिक सहायता, वाहन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं। इसके लिए उन्हें समिति के अध्यक्ष के परामर्श से आवश्यक कदम उठाने होंगे।” सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कमेटी के चेयरमैन और सदस्यों को दिया जाने वाला मानदेय और खर्च का बंटवारा दोनों राज्य सरकारों से सलाह-मशविरा के बाद तय किया जाएगा।

CM के भरोसे सब

पंजाब सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया है। कृषि विभाग ने फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी है, लेकिन अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान लेंगे। इस मुद्दे पर आगे की स्थिति दोनों राज्य सरकारों के समन्वय और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर निर्भर करेगी।

 

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