नई दिल्ली: दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया है। शालीमार विधानसभा सीट से विधायक रेखा गुप्ता चौथी महिला CM होंगी । बुधवार को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा के नाम की घोषणा हुई। बताया जा रहा है कि रेखा का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने सुझाया था, जिसे बीजेपी नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया। रेखा गुप्ता दिल्ली की चौधी महिला सीएम होंगी, जानें महिला सीएम ने कैसे चलाया शासन और कौन रहा नंबर 1.
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज थीं। वह वर्ष 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। सुषमा स्वराज विशेष परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाई गईं थी। उस समय प्याज दर में बेतहाशा वृद्धि के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। उसी दौरान विधानसभा चुनाव होने वाले थे। ऐसे में सुषमा स्वराज को दिल्ली की कमान सौंपी गई। वह सिर्फ 52 दिनों तक ही मुख्यमंत्री रही थीं। उनके नेतृत्व में चुनाव हुआ जिसमें बीजेपी को बुरी तरह हार मिली। सुषमा स्वराज वाकपटु महिला सीएम थीं और गांव से लेकर शहर तक उनकी अच्छी समझ थी लेकिन उन्हें समय कम मिला और प्याज की कीमतों ने रही सही कसर पूरी कर दी.
दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी की शीला दीक्षित थी। साल 1998 में वह पहली बार मुख्यमंत्री बनी और 2003 में पूर्ण बहुत के साथ फिर से सरकार बनाई। साल 2008 में कांग्रेस ने 43 सीटों के साथ जीत की हैट्रिक लगाई. वह 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। साल 2013 में अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी नई सनसनी बनकर उभरी. कांग्रेस यह चुनाव बुरी तरह हार गई इस चुनाव में भाजपा को 32 आप को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं थी। ऐसे में कांग्रेस ने आप को बाहर से समर्थन दिया और केजरीवाल पहली बार दिल्ली के सीएम बने। साल 2015 में आप ने क्लीन स्वीप किया और 70 में से 67 सीटें जीतीं। 2020 में आप ने 62 सीटें जीतीं.
माना जाता है कि अपने 15 साल के शासन में शीला दीक्षित ने बेहतर काम किया था. दिल्ली में बसों और कामर्शियल व्हीकल को सीएनजी मॉड में लाना, फ्लाईओवर का जाल बिछाकर जाम से मुक्ति दिलाने और अस्पातालों के कायाकल्प तक उनके नाम ढेरों उपलब्धियां है. आज भी दिल्ली वाले उनको याद करते हैं. संदीप दीक्षित उनके बेटे हैं जो नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़े थे लेकिन वह बुरी तरह से हार गये.
दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी केजरीवाल सरकार में ढेरों मंत्रालय संभालने वाली महिला मंत्री रहीं। उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी लोगों में से एक माना जाता है। शराब घोटाले में केजरीवाल के फंसने और शर्तों के साथ जमानत मिलने के बाद मजबूरी में केजरीवाल ने आतिशी को सीएम बनाया. चुनाव सिर पर और चुनौतियां सामने खड़ी थीं. उन्हें काम करने का ज्यादा मौका नहीं मिला. वह दोहरे दबाव में काम करती रहीं, एक तरफ पार्टी और केजरीवाल का दबाव और दूसरी तरफ एलजी का. हालांकि आतिशी अपना चुनाव किसी तरह जीत गईं लेकिन आप बुरी तरह से हार गई.
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