राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार देखा गया है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। बुधवार को दिल्ली का औसत AQI 300 से नीचे दर्ज किया गया, जिससे दिल्ली वालों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार देखा गया है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। हाल ही में GRAP-3 के तहत लगाए गए प्रतिबंध हटाए गए हैं, लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। बुधवार को दिल्ली का औसत AQI 300 से नीचे दर्ज किया गया, जिससे दिल्ली वालों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है।
वजीरपुर इलाका आज दिल्ली का सबसे प्रदूषित क्षेत्र है, जहां AQI 371 दर्ज किया गया। इसके बाद जहांगीरपुरी (370) और विवेक विहार (369) भी प्रदूषण के उच्च स्तर पर है। अन्य प्रदूषित क्षेत्रों में अलीपुर (327), अशोक विहार (338), बवाना (347), रोहिणी (347) और नेहरू नगर (355) शामिल हैं।
कुछ इलाकों में AQI 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया, जो अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति को दर्शाता है। इनमें लोधी रोड (225), नजफगढ़ (200) और NSIT द्वारका (168) शामिल हैं। चांदनी चौक (278), शादीपुर (254) और सोनिया विहार (267) जैसे इलाकों में भी प्रदूषण थोड़ा कम रहा। बता दें बुधवार को तेज धूप खिलने से लोगों को सर्दी से राहत मिली, लेकिन ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषण का स्तर ज्यादा नहीं गिर सका। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी धूप खिलने की संभावना जताई है। हालांकि शुक्रवार और शनिवार को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, 11 और 12 जनवरी को बारिश की संभावना है, जो प्रदूषण में और कमी ला सकती है।
वायु प्रदूषण विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश के बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। हालांकि फिलहाल प्रदूषण का स्तर कई इलाकों में गंभीर श्रेणी में बना हुआ है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। प्रशासन ने भी लोगों से गैर-आवश्यक वाहनों का इस्तेमाल न करने और प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों से बचने की अपील की है।
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