नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने शनिवार (1 मार्च) को कई बड़े फैसले लिए। भवन निर्माण को लेकर भी एक अहम फैसला लिया गया। दरअसल, शहरी विकास मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और अन्य स्थानीय निकाय अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में निर्माण कार्य को नियंत्रित करते हैं। भवन निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि भवन निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस बारे में गलतफहमी है। कई बार इसका दुरुपयोग होता है और पुलिस की अनुमति अनावश्यक रूप से मांगी जाती है, जिससे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की घटनाएं होती हैं।
इस मामले में दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह अपने फील्ड अफसरों को जागरूक करे, ताकि इस कानून का दुरुपयोग न हो और जनता को भी सही जानकारी मिल सके।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भवन निर्माण के लिए भले ही पुलिस की अनुमति जरूरी न हो, लेकिन वह नगर निगम और अन्य स्थानीय निकायों को उनके वैधानिक कामों में पूरा सहयोग देता रहेगा। डीएमसी एक्ट की धारा 475 के तहत पुलिस को अवैध निर्माण के मामलों में नगर निगम अधिकारियों की सहायता करने की जिम्मेदारी दी गई है।
शहरी विकास मंत्रालय ने आम जनता से अपील की है कि भवन निर्माण से पहले एमसीडी या अन्य संबंधित निकायों से जरूरी मंजूरी लें और किसी भी तरह की गलत सूचना से बचें। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति आपको पुलिस की अनुमति लेने के लिए मजबूर करता है या अवैध रूप से पैसे मांगता है तो इसकी तुरंत शिकायत करें। इस कदम से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और भवन निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
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