नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक बार फिर मानवता और जिम्मेदारी की मिसाल पेश की। हनुमान जयंती (12 अप्रैल) के दिन जब वह मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जा रही थीं, तभी रास्ते में कुछ ऐसा हुआ जिसने सबका ध्यान खींचा। सीएम का काफिला जैसे ही मुख्य मार्ग पर बढ़ा, उन्होंने देखा कि एक गाय सड़क के बीच खड़ी है और एक व्यक्ति उसे रोटियां खिला रहा है।
गौशालाओं में जाकर भोजन कराएं
मुख्यमंत्री ने बिना देर किए अपने वाहन को रुकवाया और स्वयं गाड़ी से उतरकर उस व्यक्ति से मुलाकात की। उन्होंने हाथ जोड़कर शांति से अपील की कि वह गायों को सार्वजनिक सड़कों पर नहीं, बल्कि गौशालाओं में जाकर भोजन कराएं। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है।
ट्रैफिक व्यवस्था को सामान्य किया
इस दौरान सीएम के साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए गायों को सड़क से हटाया और ट्रैफिक व्यवस्था को सामान्य किया। दिलचस्प बात यह रही कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान न कोई हंगामा हुआ और न ही कोई सुरक्षा तामझाम नजर आया। सीएम ने पूरी शांति से अपनी बात रखी और फिर अपने काफिले के साथ आगे बढ़ गईं।
राजधानी दिल्ली में आवारा पशुओं की समस्या लगातार बढ़ रही
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऐसी संवेदनशीलता दिखाई हो। कुछ दिनों पहले भी हैरदपुर फ्लाईओवर के पास ऐसी ही एक स्थिति में उन्होंने अपना काफिला रुकवाया था और अधिकारियों को मौके पर बुलाकर स्थायी समाधान के निर्देश दिए थे। राजधानी दिल्ली में आवारा पशुओं की समस्या लगातार बढ़ रही है, जो अब ट्रैफिक और सुरक्षा दोनों के लिए गंभीर चुनौती बनती जा रही है। मुख्यमंत्री की इस पहल से यह संदेश स्पष्ट है कि पशु सेवा जरूरी है, लेकिन उसे सही जगह और सुरक्षित तरीके से किया जाना चाहिए ताकि आम जनता को असुविधा न हो।