नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बार रावण के पुतलों में पटाखे लगने को लेकर संदेह है. दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया है वहीं कुछ संगठनों से उपराज्यपाल से याचना की है कि यह रोक हटाई जाए। पटाखों के अनुमति दे दी जाए राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के मद्देनजर […]
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बार रावण के पुतलों में पटाखे लगने को लेकर संदेह है. दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया है वहीं कुछ संगठनों से उपराज्यपाल से याचना की है कि यह रोक हटाई जाए।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के मद्देनजर सरकार ने पटाखों को उत्पादन, इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगाने के बाद राज्य में इस बार रावण के पुतलों में भी पटाखे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. वहीं दशहरा नजदीक आने के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि रावण के पुतलों के दहन के लिए पटाखों के इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी जाए।
कहा जा रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, सोमवार को इस बात पर फैसला कर सकते हैं. दिल्ली धार्मिक महासंघ ने उपराज्यपाल से याचना की थी कि इस पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए ताकि राजधानी के लोग उत्साह से विजयादशमी का पर्व मना सके।
भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को पत्र लिखकर विजयदशमी पर धार्मिक भावनाएं आहत ना होने का हवाला देते हुए ग्रीन पटाखों पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए बैन को हटाने की मांग की थी।
दिल्ली की आप सरकार पर एक धर्म विशेष को बढ़ावा देने और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली बीजेपी चीफ ने बताया कि दिल्ली सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए एक विशेष वर्ग को प्रोत्साहन देने का काम लगातार करती आ रही है. उसे विजयदशमी और रामलीला सहित अन्य हिंदू त्योहार या पर्व से कोई मतलब नहीं है। दिल्ली में हिंदुओं के त्योहार या पर्व पर ही केजरीवाल सरकार को दिक्कतें आती हैं और उन्हें सारे प्रतिबंध याद आने लगते हैं।
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