नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि आप सरकार के कार्यकाल के दौरान डीटीसी को 70,471 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें 14,198 करोड़ रुपये परिचालन घाटे के रूप में शामिल हैं।
बसों की संख्या में आई गिरावट
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि एक लाभदायक विभाग को नुकसान में बदल दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीटीसी की 814 निर्धारित बस रूटों में से केवल 468 रूटों पर ही बसों का संचालन किया गया और केंद्र सरकार से प्राप्त 233 करोड़ रुपये का फंड भी इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “पहले डीटीसी के पास 4344 बसें थीं, लेकिन आप सरकार के दौरान यह संख्या घटकर 3937 रह गई। बसों की संख्या घटने के बावजूद, पैसा केवल विज्ञापनों पर खर्च किया गया।”
हिस्सेदारी निजी कंपनी को बेची गई
रेखा गुप्ता ने डीटीसी की साझेदार एजेंसी आईडीएफसी को लेकर भी बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि आईडीएफसी ने दिल्ली सरकार को अपनी हिस्सेदारी खरीदने की सलाह दी थी, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। नतीजतन, आईडीएफसी ने 95 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी महज 10 करोड़ रुपये में एक निजी कंपनी को बेच दी। उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या दिल्ली सरकार के पास 10 करोड़ रुपये भी नहीं थे?” गुप्ता ने आगे कहा कि आज डीटीसी का कुल मूल्य सिर्फ 20 करोड़ रुपये रह गया है और इसे कमजोर कर दिया गया है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 4000 बस ड्राइवरों को बिना काम के वेतन दिया जा रहा है क्योंकि बसों की संख्या घट गई है।
मुख्यमंत्री ने सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक लेखा समिति (PAC) में भेजने की मांग की। उन्होंने कहा, “हम डीटीसी को फिर से मुनाफे में लाएंगे और इसे राजस्व उत्पन्न करने वाली संस्था बनाएंगे। साथ ही, हम महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा के कार्ड जारी करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में कोई ठोस डेटा उपलब्ध नहीं है कि दिल्ली में कितनी महिलाएं मुफ्त यात्रा कर रही हैं।
गंभीर वित्तीय अनियमितताएं उजागर
दिल्ली विधानसभा में डीटीसी के संचालन को लेकर सीएजी रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें कई विधायकों ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई। यह रिपोर्ट 2015-2016 से 2021-2022 तक की अवधि को कवर करती है और इसमें डीटीसी के प्रबंधन में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया गया है। आने वाले दिनों में इस मामले पर और जांच और निर्णय की उम्मीद की जा रही है।
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