राजधानी दिल्ली में अगर अब आपने ट्रैफिक रूल तोड़े तो आपको ट्रैफिक पुलिस बिजली का झटका दे सकती है. इतना ही नहीं, ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर ट्रैफिक पुलिस पेपर स्प्रे भी छिड़क सकती है. दरअसल राजधानी की ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों और अराजक तत्वों से निपटने के लिए अब स्टनगन (बिजली का झटका देने वाली गन) और पेपर स्प्रे देने की तैयारी की जा रही है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक (ट्रैफिक पुलिस) ने बताया कि राजधानी में ट्रैफिक पुलिस की बाइकों को नया लुक दिया जा रहा है. यह हमारे पुलिसकर्मियों को अमेरिका और इंग्लैंड की तर्ज पर स्मार्ट बनाने की एक कोशिश है. दीपेंद्र पाठक ने बताया कि दिल्ली में अब 500 से ज्यादा बाइक्स से ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मियों को स्टनगन और पेपर स्प्रे दिया जाएगा.
नई दिल्लीः राजधानी में अगर अब आपने ट्रैफिक रूल तोड़े तो आपको ट्रैफिक पुलिस बिजली का झटका दे सकती है. इतना ही नहीं, ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर ट्रैफिक पुलिस पेपर स्प्रे भी छिड़क सकती है. दरअसल राजधानी की ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों और अराजक तत्वों से निपटने के लिए अब स्टनगन (बिजली का झटका देने वाली गन) और पेपर स्प्रे देने की तैयारी की जा रही है. स्टनगन से जहां पल भर के लिए आदमी को बिजली का झटका लगेगा तो पेपर स्प्रे आंखों में तेज जलन पैदा करेगा और कुछ देर के लिए वह शख्स कुछ नहीं देख पाएगा.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक (ट्रैफिक पुलिस) ने बताया कि राजधानी में ट्रैफिक पुलिस की बाइकों को नया लुक दिया जा रहा है. यह हमारे पुलिसकर्मियों को अमेरिका और इंग्लैंड की तर्ज पर स्मार्ट बनाने की एक कोशिश है. दीपेंद्र पाठक ने बताया कि दिल्ली में अब 500 से ज्यादा बाइक्स से ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मियों को स्टनगन और पेपर स्प्रे दिया जाएगा. फरवरी तक ट्रैफिक पुलिस की यह तैयारी पूरी कर ली जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस की 700 बाइक्स हैं, जिनमें से 500 बाइक्स को नया लुक दिया जा रहा है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस विभाग नई बाइक्स नहीं खरीदने जा रहा बल्कि पुरानी बाइक्स को ही मोर्डिफाइड करके उनका लुक स्मार्ट किया जा रहा है. स्टनगन और पेपर स्प्रे के साथ ही पुलिस जवानों की बाइक को पीए सिस्टम से लैस किया जाएगा. जवानों को पीए सिस्टम (पब्लिक अनाउंसमेंट) के लिए माइक दिया जाएगा, जो उनके कंधों पर लगा होगा. इससे जाम खुलवाने में पुलिस को मदद मिलेगी. जवान के दूसरे कंधे से थोड़ा नीचे कैमरा लगा होगा. इसमें आरोपी और पुलिस जवान की सभी बातें रिकॉर्ड होंगी. कैमरे में कैद इस डेटा से अपराध सुलझाने में पुलिस को मदद मिलेगी. साथ ही जवानों को टॉर्च और स्पेशल जैकेट भी दी जाएंगी. हर जवान को एक ग्लॉक पिस्टल भी दी जाएगी. किसी भी अपराध की हरकत होते ही जवान जरूरत के मुताबिक इसका प्रयोग कर सकता है.
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