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Delhi: सुरक्षा जाल के पहरे में रहेगा ‘तिहाड़’, मोबाइल-हथियार ना पहुंचने के ख़ास इंतज़ाम

नई दिल्ली: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड के बाद तिहाड़ प्रशासन की नींद खुल गई है. बीते दिन जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई वहीं तिहाड़ जेल की सुरक्षा और कैदियों के संबंध में बीते दिन दिल्ली सरकार को पत्र भी लिखा गया है. लगाया जा रहा है बर्ड नेट अब तिहाड़ जेल […]

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Delhi: सुरक्षा जाल के पहरे में रहेगा ‘तिहाड़’, मोबाइल-हथियार ना पहुंचने के ख़ास इंतज़ाम
  • May 19, 2023 4:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड के बाद तिहाड़ प्रशासन की नींद खुल गई है. बीते दिन जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई वहीं तिहाड़ जेल की सुरक्षा और कैदियों के संबंध में बीते दिन दिल्ली सरकार को पत्र भी लिखा गया है.

लगाया जा रहा है बर्ड नेट

अब तिहाड़ जेल में ऊपर की ओर जाल लगाने का काम भी शुरू हो गया है. दिल्ली की अन्य जेलों में भी इसी तरह के सुरक्षा इंतज़ाम किए जाने हैं. दरअसल जेल महानिदेशालय के अनुसार कैदियों तक हथियार, ड्रग्स और मोबाइल फ़ोन ऊपर से फेंक कर ही पहुंचाया जाता है. लेकिन जाल लग जाने के बाद ऐसा गोरखधंधा पूरी तरह से रुक जाएगा.

गठित की गई ख़ास टीम

अधिकारियों के अनुसार जेलों में अक्सर प्रतिबंधित सामान बाहर से फेंके जाते हैं. कई बार ऐसा हुआ है कि जेल के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक सामानों का आदान प्रदान हुआ है. इसी तरह ताजपुरिया हत्याकांड में खुद बदमाश जेल के एक नंबर से दूसरे में कूद आए थे. ऐसी घटना फिर ना हो इसके लिए जेल प्रशासन ने तिहाड़ समेत दिल्ली के सभी जेलों में बर्ड नेट लगवाने का फैसला किया है. तिहाड़ जेल में भी जाल लगाया जा रहा है जिसका काम लगभग पूरा हो गया है. दूसरी ओर जेल प्रशासन ने कैदियों की हरकतों पर नियंत्रण रखने के लिए QRT का भी गठन किया है.

कड़ी चेकिंग की भी सुविधा

क्यूआरटी घटना की जानकारी मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचेगी. इसके अलावा यह टीम जेल के अंदर गश्त लगाने का भी काम करेगी खासतौर पर उन जेलों के बाहर जिसमें खूंखार कैदी और हाई प्रोफ़ाइल कैदी बंद हैं. यह सारे इंतजाम जेल की सुरक्षा टाइट करने के लिए किए जा रहे हैं. टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद तिहाड़ जेल के सबसे बड़ी सुरक्षित जेल होने का भ्रम टूट गया है. अधिकारियों की मानें तो प्रतिबंधित सामान भी कैदियों तक पहुंच सकते हैं. इसलिए कड़ी चेकिंग की व्यवस्था भी की जा रही है.

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