नई दिल्लीः राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने लिए बनाए जा रहे चार नए अस्पताल अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएंगे। चारों अस्पताल 4360 बेड के हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के मुताबिक, काेरोना के दौरान इन अस्पतालों का निर्माण का काम शुरू हुआ था। मौजूदा समय में ग्रैप की पाबंदियां खत्म होने से […]
नई दिल्लीः राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने लिए बनाए जा रहे चार नए अस्पताल अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएंगे। चारों अस्पताल 4360 बेड के हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के मुताबिक, काेरोना के दौरान इन अस्पतालों का निर्माण का काम शुरू हुआ था। मौजूदा समय में ग्रैप की पाबंदियां खत्म होने से सभी का निर्माण कार्य चल रहा है। सभी अस्पताल अगले साल अप्रैल से दिसंबर तक अलग-अलग महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे।
ज्वालापुरी, मादीपुर, हस्तसाल 1000 बेड और सिरसपुर में 1360 बेड का अस्पताल बन रहा हैं। निर्माण कार्य की स्थिति को देखें तो ज्वालापुरी अस्पताल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। मादीपुर अस्पताल का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत, हस्तसाल अस्पताल का निर्माण कार्य 50 प्रतिशत और सिरसपुर अस्पताल का निर्माण कार्य 75 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।
निर्माणाधीन चारों अस्पतालों का निर्माण कार्य तय समय पर पूरा नहीं किया जा सका है। इन अस्पतालों में दो अस्पताल ज्वालापुरी और मादीपुर अस्पताल का निर्माण कार्य वर्ष 2022 में पूरा किया जाना था, वहीं हस्तसाल और सिरसपुर अस्पताल का निर्माण कार्य वर्ष 2023 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन ये अस्पताल 11 से 30 माह की देरी से निर्माणाधीन हैं।अधिकारियों का कहना है कि अस्पतालों के निर्माण में देरी के कई कारण है। इनमें कोविड की वजह से देरी हुई, साथ ही योजनाओं को लेकर वित्तीय मंजूरी मिलने और प्रदूषण की वजह से लगी पाबंदियों का भी असर परियोजनाओं पर पड़ा।
चारों अस्पतालों के तैयार हाे जाने से उत्तरी, बाहरी और पश्चिमी दिल्ली के लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। इन इलाकों में प्रमुख रूप से द्वारका में इंदिरा गांधी अस्पताल, सुल्तानपुरी में संजय गांधी अस्पताल और रोहिणी में अम्बेडकर अस्पताल हैं। इन अस्पतालाें में हजारों लोग आते हैं। अधिकारियों का कहना है कि उक्त चारों अस्पतालों के बनकर तैयार हो जाने के बाद उक्त इलाकों के निवासियों काे बेहत स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।