नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राज्य़ में स्वाइन फ्लू और अन्य वायरल बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल सकता है। जो बीते दो सालों से कोरोना महामारी की वजह से फ्लू के टीकाकरण में व्यवधान को दर्शाता है। दिल्ली में स्वाइन फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी के साथ-साथ […]
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राज्य़ में स्वाइन फ्लू और अन्य वायरल बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल सकता है। जो बीते दो सालों से कोरोना महामारी की वजह से फ्लू के टीकाकरण में व्यवधान को दर्शाता है। दिल्ली में स्वाइन फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी के साथ-साथ उन्होंने लोगों को मास्क जनादेश का पालन करने और सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने का सुझाव दिया है।
बता दें कि विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राजधानी में स्वाइन फ्लू और विषाणु जनित अन्य रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है। राज्य में स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ते हुए देख उन्होंने लोगों को मास्क लगाने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने की सलाह दी है।
आकाश हेल्थकेयर में क्रिटिकल केयर मेडिसीन के वरिष्ठ कंसल्टेंट एवं विभागाध्यक्ष डॉ विशाख वर्मा ने बताया कि स्वाइन फ्लू के लक्षण आम सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं, इसीलिए लोग अक्सर शुरू में इसे गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने कहा की, स्वाइन फ्लू के मरीज को आमतौर पर गले में खराश, पेट दर्द और खांसी जैसी समस्याओं को झेलना पड़ता है। इसके अलावा, सांस लेने में भी परेशानी होती है।
वहीं, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के श्वसन रोग विभाग के निदेशक डॉ मनोज गोयल ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से फ्लू का टीकाकरण बाधित हुआ जो स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ने का एक कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस कारण स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ने की संभावना है, सफदरजंग अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसीन के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि अगस्त-सितंबर में स्वाइन फ्लू के मरीजो में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सफदरजंग हॉस्पिटल के सामुदायिक चिकित्सा के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि, “अगस्त-सितंबर में, हम इन मामलों में स्पाइक देखते हैं और हर 2-3 साल में, इस तरह के स्पाइक्स होने पर का क्रम होता है। लोगों को वैक्सीन लगवाना चाहिए और स्वाइन फ्लू का यह मौसम नवंबर-दिसंबर तक बना रह सकता है।
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना