सुप्रीम कोर्ट का आदेश- दिल्ली में जारी रहेगा सीलिंग और अवैध निर्माण को तोड़ने का अभियान

Delhi Sealing and Illegal Construction: दिल्ली में सीलिंग और अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में सीलिंग जारी रहेगी और अवैध निर्माण तोड़ने का अभियान भी जारी रहेगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एजी केके वेणुगोपाल को आदेश दिया कि वे एक बार खुद दिल्ली में अवैध निर्माण का सर्वे करें.

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- दिल्ली में जारी रहेगा सीलिंग और अवैध निर्माण को तोड़ने का अभियान

Aanchal Pandey

  • July 18, 2018 4:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद दिल्ली में सीलिंग पर राहत की उम्मीद खत्म हो गई है. सीलिंग मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में सीलिंग जारी रहेगी और अवैध निर्माण पर भी कार्रवाई हो. वहीं सुप्रीम कोर्ट में AG के के वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीलिंग रोकने संबंधी कोई आदेश नहीं दिया है. डीडीए के उपाध्यक्ष भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए.

सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए द्वारा शिकायत संबंधी एप जारी करने के संबंध में जानकारी मांगी. इसपर डीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि 9 जुलाई को डीडीए ने अवैध निर्माण के लिए एप शुरु किया है. इसमें अभी तक 438 शिकायतें मिली हैं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नजफगढ जोन वार्ड समिति के चेयरमेन मुकेश सूरियान को पेश होने के आदेश दिए हैं जिनपर कार्रवाई में बाधा पहुंचाने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट नजफगढ जोन के निगम उपायुक्त विश्वेंद्र सिंह के तबादले संबंधी फाइल तलब की है. सूरियान ने दावा किया था कि उसने चंद घंटों में उसका तबादला कराया है.

दिल्ली में अवैध निर्माण को रोकने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने कड़े निर्देश दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अवैध निर्माण करने वाले बिल्डर, कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट को ब्लैकलिस्ट किया जाए. अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी कर 48 घंटे का समय दिया जाए और इसके बाद संबंधित विभाग तुरंत करवाई करे. सुप्रीम कोर्ट ने AG को कहा कि अवैध निर्माण और सड़कों को लेकर आपको दिल्ली में एक बार फिर सर्वे करना होगा.

एमिकस रंजीत कुमार ने कहा कि दिल्ली में कई पुरातात्विक इमारतें हैं, जिनको सुरक्षित करने की जरूरत है. इसके लिए कमिटी में ASI के लोगों को भी शामिल किया जाए. कोर्ट ने कहा कि ये कहा जाता है कि पुरातात्विक इमारतें में लोग रह रहे हैं. एमिकस रंजीत कुमार ने कहा कि महरौली में लोग रहे हैं. इस पर AG ने कहा कि लाखों लोग हैं वो कहां जाएंगे, तब कोर्ट ने कहा कि नेशनल लाइवली हुड मिशन के तहत उनकी देखरेख हो इसको लेकर कुछ नही हुआ.

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