नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली में अवैध निर्माण रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अवैध निर्माण करने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जाए. सरकार अवैध निर्माण करने वाले बिल्डर, कॉन्ट्रैक्टर और अर्क्रिटेक्ट को ब्लैक लिस्ट करने के लिए दो हफ़्तों में नियम बनाए. अवैध निर्माण करने वालों को 48 घंटे के भीतर कारण बताओ नोटिस दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी होने पर तुरंत काम बंद हो और नोटिस के 48 घंटों के बाद संबंधित विभाग अवैध निर्माण को लेकर तुरंत करवाई करे. अवैध निर्माण रोकने के लिए गठित STF को प्रयाप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए. DDA अवैध निर्माण को लेकर जारी किए गए एप्प का ज्यादा से ज्यादा मात्रा में प्रचार करे. इतना ही नहीं, ASI के सीनियर अधिकारी STF के साथ सहयोग करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अवैध निर्माण गिराने और सीलिंग जारी रहेगी. इस बात से सीलिंग की कार्रवाई नही रुकनी चाहिए कि किसी एरिया में हालात अच्छे नहीं हैं, उन्हें सुरक्षा मुहैया करा कर सीलिंग को जारी रखा जाए.
अवैध निर्माण और सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि 250 शिकायतें जो मोबाइल एप्प पर आई हैं उसको लेकर आपने क्या करवाई की है. वहीं, एमिकस रंजीत कुमार की तरफ से एक न्यूज पेपर की रिपोर्ट का हवाला दिया गया कि 1000 से ज्यादा शिकायतें आई हैं जिनमें से 431 शिकायत दर्ज की गई हैं. इस पर केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि 138 शिकायतों पर करवाई की गई है, इन शिकायतों पर करवाई करते हुए उनपर करवाई की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिकायतें 1000 से ज्यादा हैं उनके लिए क्या किया गया? एप्प कब लांच किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या ये मोबाइल एप्प गूगल पर भी उपलब्ध है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक महीने के भीतर दोषी अधिकारियों के खिलाफ करवाई करनी थी उसका क्या हुआ? केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए AG ने कहा कि हमने एक ऑफीसर की नियुक्ति की है जो निर्माण को लेकर जिम्मेदार होगा.
कोर्ट ने कहा कि किसी अवैध निर्माण करने वाले को 48 घंटे का समय देना भी ज्यादा है. आप स्पॉट पर जाएं और उन्हें 15 दिनों का समय क्यों दिया जाए? AG ने कहा कि अगर 48 घण्टों के भीतर करवाई करनी होगी, तो सैकड़ों लोगों की जरूरत होगी. तब कोर्ट ने कहा कि आपके पास मैन पावर है. ऐसा नही है कि आपके पास मेन पॉवर नहीं है. अवैध निर्माण करने वाले को 48 घंटे से ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता. उसे तुरंत रोकना होगा.
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अवैध निर्माण से जुडे़ सीलिंग मामले को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं केंद्र और दिल्ली सरकारः सुप्रीम कोर्ट
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