दिल्ली : दिल्ली का संजय गांधी अस्पताल अचानक बंद कर दिया गया है। प्रशासन की तरफ से अस्पताल के बाहर नोटिस लगा दिया है। बता दे यह पूरी कार्रवाई एक महिला की मौत के बाद की गई है। फिलहाल प्रशासन की तरफ से इसे बंद कर दिया है। इस दौरान मरीज इलाज के लिए अस्पताल के बाहर भटक रहे हैं।
अमेठी और आस-पास के इलाको में सस्ते औऱ बेहतर इलाज के लिए जाने-माने अस्पताल संजय गांधी अस्पताल को बंद कर दिया गया है। अस्पताल के गेट पर प्रशासन की तरफ से ताला डाल दिया गया है। इस दौरान जिन मरीजों का इलाज चल रहा था उन्हे भी अस्पताल से बाहर निकाल दिया है। जहां 400 स्टाफ की नौकरियों पर संकट आ गया है। इस खबर को सुनने के बाद आपके मन में एक सवाल जरूर होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतने पुराने अस्पताल को अचानक बंद कर दिया गया।
बता दें, एक महिला मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप अस्पताल के स्टॉफ पर लगा है। जहां पिछले गुरूवार को मुसाफिरखाना के रामशहपुरव के रहने वाले अनुज शुक्ला की पत्नी की तबीयत पिछले कई दिनों से खराब चल रही थी। उनके पेट में दर्द हो रहा था जिसके बाद वह मुंशीगंज थाना के संजय गांधी अस्पताल में पत्नी को लेकर आए। वहीं जब अस्पताल के अंदर डॉक्टरों के द्वारा उनकी पत्नी दिव्या शुक्ला की जांच की तो उनके पेट में स्टोंन पथरी सामने आई।
स्टोन होने की वजह से उन्हें डॉक्टरों के द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी गई। वहीं जब डॉक्टरों ने पीड़ित दिव्या का ऑपरेशन किया जाना था तो उन्हें हॉस्पिटल में एनेस्थीसिया (बेहोशी का इंजेक्शन) दिया गया। इस इंजेक्शन का ऐसा असर हुआ की दिव्या दुबारा होश में तक नहीं आ पाई। इंजेक्शन की वजह से दिव्या कोमा में चली गई। जब उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो संजय गांधी हॉस्पिटल से उन्हें लखनऊ मेदांता रेफर कर दिया गया। बीमारी से पीड़ित दिव्या को एंबुलेंस में लेकर उनके परिवार वाले लखनऊ मेदांता पहुंचे और उन्हें एडमिट किया।
लखनऊ मेदांता की अस्पताल में इलाज के दौरान दिव्या की मौत हो गई। बस से दिव्या के परिवार वालों का गुस्सा संजय गांधी हॉस्पिटल पर फूट पड़ा। परिवार वाले ने महिला के शव को राजीव गांधी अस्पताल के नजदीक रखकर प्रदर्शन किया। वहीं दिव्या के परिवार ने स्वास्थ्य के सामने दो मांगे रखी है। उन्होंने कहा पहली तो अस्पताल पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। दूसरी मृतक महिला के बच्चे के नाम पर एक करोड़ रुपये सहायता राशि दी जानी चाहिए। जहां जिला प्रशासन की पीड़ित परिवार की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
इस हंगामे के बाद संजय गांधी अस्पताल को प्रशासन ने जवाब के लिए नोटिस भेजा था। नोटिस भेजने के 48 घंटों के भीतर प्रशासन की तरफ से अस्पताल को बंद करने का फैसला लिया और गेट पर ताला लगाकर नोटिस लगा दिया गया है। इस दौरन जिन मरीजों का इलाज चल रहा था उन्हें भी से बाहर कर दिया गया है।
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