द एनर्जी रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया है. आरके पचौरी की पूर्व सचिव होने का दावा करने वाली एक यूरोप मूल की महिला ने उनपर यह आरोप लगाए थे. इस मामले में साल 2015 में महिला ने केस दर्ज भी कराया था.
नई दिल्ली. पर्यावरणविद और द एनर्जी रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व महानिदेशक आरके पचौरी पर दिल्ली के साकेत कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय करने का आदेश सुनाया है. खुद को आरके पचौरी का पूर्व सचिव बताने वाली एक यूरोपीय महिला ने उनपर यह आरोप लगाया था. फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 20 अक्टूबर को होगी. वहीं पीड़िता ने कहा है कि आरके पचौरी के खिलाफ की गई इस लड़ाई अब थोड़ी राहत मिली है.
मिली जानकारी के अनुसार, आरके पचौरी की पूर्व सचिव होने का दावा करने वाली पीड़ित महिला ने साल 2015 में उनपर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था. कोर्ट के आदेश के अनुसार, आरके पचौरी पर आईपीसी की धारा 354, 354-ए, 509 के तहत केस दर्ज किया जाएगा. दूसरी ओर पीड़िता ने कोर्ट के आदेश आने के बाद कहा है कि यह सच में बहुत बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि आरके पचौरी के खिलाफ लड़ाई बिल्कुल आसान नहीं रही और कोर्ट के आदेश से अब उन्हें कुछ राहत पहुंची है.
बता दें कि इस मामले में साल 2015 में टेरी की आंतरिक जांच में आरके पचौरी को दोषी पाया गया था. टेरी की आंतरिक शिकायत समिति ने जांच में पाया है कि पचौरी ने अपने पद का गलत फायदा उठाया और हुए संस्थान की यौन उत्पीड़न पर बनी नीति का उल्लंघन किया. इसके साथ ही पचौरी के खिलाफ आंतरिक समिति ने कार्रवाई करने के संकेत दिए थे.