Delhi pollution : अगले छह दिन दिल्ली वालों पर भारी, सांस लेना होगा मुश्किल

नई दिल्लीः मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन में दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की जा सकती है। मंगलवार को 12 किमी प्रतिघंटे की गति से चली हल्की हवा और खिली धूप से हवा में सुधार हुआ। सोमवार के मुकाबले मंगलवार को प्रदूषण का स्तर 13 अंक घटकर 297 सूचकांक पर […]

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Delhi pollution : अगले छह दिन दिल्ली वालों पर भारी, सांस लेना होगा मुश्किल

Tuba Khan

  • December 6, 2023 8:15 am Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्लीः मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन में दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की जा सकती है। मंगलवार को 12 किमी प्रतिघंटे की गति से चली हल्की हवा और खिली धूप से हवा में सुधार हुआ। सोमवार के मुकाबले मंगलवार को प्रदूषण का स्तर 13 अंक घटकर 297 सूचकांक पर आ गया, जो खराब श्रेणी है। एक सप्ताह बाद दिल्ली का प्रदूषण सूचकांक खराब श्रेणी में आया है। इससे पहले 29 नवंबर को प्रदूषण का स्तर घटकर 290 पर आया था। पूरे एनसीआर की बात करें तो गाजियाबाद का प्रदूषण का स्तर 192 संतोषजनक रिपोर्ट किया गया, जबकि एक्यूआई फरीदाबाद में 212, ग्रेटर नोएडा में 274, गुरुग्राम में 248 और नोएडा में 235 रहा।

मंगलवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही, जबकि आठ दिसंबर तक वायु गुणवत्ता खराब होकर बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की जा सकती है। अगले छह दिन की बात करें तो वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रहने की आशंका जताई जा रही है। संस्थान के मुताबिक, स्थानीय वजह से प्रदूषण का स्तर खराब होगा। हवा की गति मध्यम या हल्की होने से यह वातावरण में फैल नहीं पाएगा और अगले कुछ दिन में स्थिति खराब होने की आशंका है । इसके अलावा ठंड बढ़ने के कारण भी प्रदूषण की सघनता बढ़ेगी, जिससे हवा फिर से बेहद खराब हो सकती है।

आधी राजधानी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिन में राहत के बाद शाम ढलते ही आधी दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई। दिल्ली के 36 केंद्रों में से 17 पर एक्यूआई 300 के पार रिपोर्ट किया गया। इसमें अलीपुर, श्रीफोर्ट, आरके पुरम, पंजाबी बाग, जवाहर नगर, नेहरू नगर, द्वारका सेक्टर-8, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, नरेला, वजीरपुर, बवाना, मुंडका, आनंद विहार, मोती बाग शामिल रहे। बोर्ड के अनुसार, इन क्षेत्रों में स्थानीय कारणों से प्रदूषण के स्तर में इजाफा होता नजर आया है।

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