नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों और शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को एक महिला पत्रकार के साथ पुलिस द्वारा मारपीट और छेड़छाड़ की घटना सामने आई है. महिला पत्रकार का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट और छेड़छाड़ की. इतना ही नहीं, उसका कैमरा छीन लिया. पत्रकार से मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. पीड़िता ने सरोजिनी नगर थाने में दिल्ली कैंट स्टेशन हाउस ऑफिसर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस ने विजिलेंस ब्रांच द्वारा केस की जांच कराने की बात कही है.
जेएनयू के छात्र और शिक्षकों का संगठन छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग, यूनिवर्सिटी में 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता का विरोध आदि कई मुद्दों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को भी इन्हीं मांगों को लेकर छात्र और शिक्षक यूनिवर्सिटी से लेकर संसद तक पैदल मार्च निकाल रहे थे. इसी दौरान दिल्ली पुलिस ने आईएनए के पास सभी को रोक लिया. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी उकसावे के उनपर लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन चलाने का आदेश दिया, जबकि वह पूरी तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान प्रदर्शन को कवर करने गई एक महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ पुलिस ने बदसलूकी करते हुए मारपीट की.
पीड़ित पत्रकार ने पुलिस को बताया कि वह मीडिया से है, इसके बावजूद वह उनके साथ मारपीट करते रहे. पुलिस ने पीड़िता का कैमरा ले लिया और वापस नहीं किया. पीड़िता ने कहा कि इस पूरी घटना के दौरान पुलिसकर्मियों ने उसके साथ छेड़छाड़ भी की. इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि महिला पत्रकार की ओर से छेड़खानी की शिकायत मिली है. आगे की कार्रवाई के लिए विजिलेंस ब्रांच केस की जांच करेगा. बताते चलें कि यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (JNUTA) कई विभागों के प्रमुखों को पद से हटाने और अनिवार्य उपस्थिति नियम के खिलाफ इस प्रदर्शन में छात्रों का साथ दे रहा है. कई शिक्षक भूख हड़ताल पर भी बैठे हैं.
शुक्रवार की घटना पर दिल्ली पुलिस ने छात्रों के आरोपों के बाद कई वीडियो साझा किए हैं. पुलिस का कहना है कि छात्रों द्वारा उकसावे के बाद पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई. डीसीपी मधुर वर्मा ने प्रदर्शनकारी छात्रों के कुछ वीडियो ट्वीट कर कहा, ‘जेएनयू छात्रों ने हौज खास के एसएचओ के साथ मारपीट की. उनके सिर में चोट लगी है वह बुरी तरह जख्मी हो गए. छात्रों के प्रदर्शन को शांतिपूर्ण कैसे कहा जा सकता है.’ पुलिस की ओर से सफाई दी गई कि बैरिकेड को पार करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया.
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