दिल्लीः नर्सरी में बच्चों के एडमिशन के लिए मां-बाप की भागदौड़ शुरू, आरक्षित सीटों पर नहीं आया नोटिफिकेशन

देश की राजधानी दिल्ली में नर्सरी एडमिशन की दौड़ शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित सीटों की घोषणा नहीं की गई है. निजीामुद्दीन बस्ती के रहने वाले कमाल अपने बेटे इब्राहिम का आर्थिक कमजोर वर्ग (EWS) को दी जाने वाली छूट के तहत नर्सरी में दाखिला कराना चाहते हैं लेकिन स्कूलों की ओर से उन्हें बताया जा रहा है कि जिस वर्ग में वह दाखिला कराना चाहते हैं, वह अभी तक घोषित नहीं की गई है.

Advertisement
दिल्लीः नर्सरी में बच्चों के एडमिशन के लिए मां-बाप की भागदौड़ शुरू, आरक्षित सीटों पर नहीं आया नोटिफिकेशन

Aanchal Pandey

  • December 28, 2017 1:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में नर्सरी एडमिशन की दौड़ शुरू हो चुकी है. प्राइवेट स्कूलों के नियम और मनमानी के कारण दिल्लीवासियों के लिए स्कूल एडमिशन खासा मुश्किलों भरा होता है. माता-पिता को अपने बच्चे के एडमिशन के लिए इस कदर जद्दोजहद करनी पड़ती है कि कई बार वह अंदर से टूट जाते हैं. कुछ ऐसा ही इस समय साउथ दिल्ली स्थित निजामुद्दीन बस्ती के रहने वाले कमाल हसन के साथ हो रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, कमाल अपने बेटे इब्राहिम का आर्थिक कमजोर वर्ग (EWS) को दी जाने वाली छूट के तहत नर्सरी में दाखिला कराना चाहते हैं लेकिन स्कूलों की ओर से उन्हें बताया जा रहा है कि जिस वर्ग में वह दाखिला कराना चाहते हैं, वह अभी तक घोषित नहीं की गई है.

दिल्ली के स्कूलों में अपने बच्चे को दाखिला दिलाना हर मध्यमवर्गीय परिवार के लिए टेढ़ी खीर जैसा है. प्राइवेट स्कूलों की महंगी फीस और तमाम तरह की अनिवार्यताएं एडमिशन की इस प्रक्रिया को बेहद जटिल बना देती हैं. निजामुद्दीन बस्ती के रहने वाले कमाल खुद तो नहीं पढ़ पाए लेकिन वह चाहते हैं कि उनका बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने. दिल्ली में 27 दिसंबर से शुरू हो चुकी नर्सरी के दाखिले की प्रक्रिया के लिए कमाल अपने बेटे के एडमिशन के लिए तमाम स्कूलों की चौखटों पर भटक रहे हैं लेकिन हर ओर से उन्हें निराशा हाथ लग रही है. कमाल चाहते हैं कि प्राइवेट स्कूलों में कमजोर वर्ग के लिए जो 25 प्रतिशत सीट तय की गई हैं, उसके तहत उनके बेटे का दाखिला हो जाए लेकिन अभी तक इन सीटों पर मिलने वाले एडमिशन के लिए कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है.

कमाल ने बताया कि वह जूनियर विंग ऑफ मॉडर्न स्कूल में बेटे का दाखिला कराना चाहते हैं. उन्हें पता चला कि बुधवार से नर्सरी के दाखिले होने शुरू होंगे तो वह बेटे को साथ लेकर स्कूल के लिए निकल पड़े. स्कूल पहुंचते ही उन्हें बताया गया कि दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करें. जिसके बाद वह साइबर कैफे पहुंचे. कमाल पढ़े-लिखे नहीं है तो उन्होंने साइबर कैफे मालिक से ऑनलाइन फॉर्म भरने में मदद मांगी. इस दौरान उन्हें पता चला कि जिस कोटे के तहत वह अपने बेटे का एडमिशन कराना चाहते हैं, सरकार की वेबसाइट पर अभी वह लिंक ही उपलब्ध नहीं है. कमाल ने बताया कि उनका बेटा उनके परिवार में पहला ऐसा शख्स होगा जो किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ेगा.

इस समय यह हाल सिर्फ कमाल हसन का ही नहीं बल्कि हर उस मां-बाप का है, जो सरकार की ओर से दिए जाने वाले कोटे के तहत प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चे का दाखिला कराना चाहते हैं. गौरतलब है कि दिल्ली के करीब 1700 स्कूलों में इस श्रेणी में हर साल तकरीबन 31 हजार सीटें होती हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले दिल्ली के अधिकतम प्राइवेट स्कूलों में दाखिले ड्रॉ पद्धति पर आधारित होते थे. साल 2015 में दिल्ली में ‘आप’ की सरकार बनी और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई शर्तों पर आधारित ड्रॉ प्रणाली को खत्म कर इसे ऑनलाइन प्रक्रिया में तब्दील कर दिया. अब दिल्ली में ऑनलाइन प्रणाली से एडमिशन होते हैं. बहरहाल कमाल लगातार कोशिश कर रहे हैं कि इस साल उनके बेटे का प्राइवेट स्कूल में दाखिला हो जाए.

 

27 दिसंबर से दिल्ली में शुरु होगी नर्सरी एडमिशन की प्रक्रिया, फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 17 जनवरी

 

 

Tags

Advertisement