नई दिल्ली। आज तक राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली नगर निगम (MCD) और डीडीए (DDA)अतिक्रमण को हटाते आए हैं। लेकिन अब राजधानी में दिल्ली पुलिस भी अतिक्रमण हटाएगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सभी जिला डीसीपी और थानाध्यक्षों से फुटपाथ और सड़क से अतिक्रमण हटाने हेतू एक्शन प्लान मांगा है। पुलिस आयुक्त की तरफ […]
नई दिल्ली। आज तक राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली नगर निगम (MCD) और डीडीए (DDA)अतिक्रमण को हटाते आए हैं। लेकिन अब राजधानी में दिल्ली पुलिस भी अतिक्रमण हटाएगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सभी जिला डीसीपी और थानाध्यक्षों से फुटपाथ और सड़क से अतिक्रमण हटाने हेतू एक्शन प्लान मांगा है। पुलिस आयुक्त की तरफ से 3 महीने में अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने सोमवार के दिन ये जानकारी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को दे दी है। इसे दिल्ली पुलिस की आज तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कहा जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने दिल्ली की सड़कों और फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए है। अतिक्रमण हटाने से ट्रैफिक जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा और फुटपाथ खाली होने से लोग आसानी से आ-जा सकेंगे। पुलिस आयुक्त ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के इस अभियान में एमसीडी (MCD) और डीडीए (DDA) आदि संबंधित एजेंसी को साथ लिया जाए। अगर ये एजेंसियां साथ नहीं देती हैं तो भी दिल्ली पुलिस अतिक्रमण हटाएगी। पुलिस आयुक्त ने जिला डीसीपी को ये आदेश दिए हैं और जिला डीसीपी ने सभी थानाध्यक्षों को बोल दिया है। पुलिस आयुक्त ने सभी जिला डीसीपी और थानाध्यक्ष से अतिक्रमण हटाने के लिए एक्शन प्लान की मांग की है।
थानाध्यक्षों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि अगर अतिक्रिमण हटाने के लिए बाहरी फोर्स न मिले, तब भी अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाना है। थानाध्यक्षों को ये भी कहा गया है कि अतिक्रमण हटाने के बाद उस जगह को बिना अतिक्रमण के रखना है। इसकी पूरी निगरानी रखनी है। अक्सर देखने में ये आता है कि अतिक्रमण को हटा दिया जाता है। एक-दो दिन बाद दुकानदार फिर उस जगह पर अपनी दुकान लगा लेता है।
दिल्ली नगर निगम (MCD), डीडीए (DDA) व एनडीएमसी (NDMC)आदि एजेंसियां अभी तक अपने-अपने इलाके से अतिक्रमण हटाती आई हैं। ये एजेंसियां अतिक्रमण हटाने से एक दिन पहले पत्र लिखकर दिल्ली पुलिस से फोर्स मांगती है। फोर्स नहीं होने पर अतिक्रमण को नहीं हटाया जाता। संबंधित एजेंसियां अतिक्रमण हटाकर चली जाती थी लेकिन उस जगह पर कुछ देर बाद फिर से कब्जा हो जाता था।
अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति के खिलाफ दिल्ली पुलिस आईपीसी की धारा 188 और 283 के तहत मामला दर्ज कर लेती है। इसमें सरकारी आदेश का उल्लंघन करने का मामला दर्ज होता है। प्रत्येक थाने में ऐसे हर रोज काफी मामले दर्ज होते हैं।
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