Delhi: IFC विभाग के प्रधान सचिव पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज का आरोप, नहीं भेजते मेरे पास कोई फाइल

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण (IFC) विभाग पर भाजपा (BJP) के आरोप का जवाब मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने जवाब दिया। सौरभ ने कहा है कि विभाग का कार्यभार संभालने के बाद से विभाग के प्रमुख सचिव आशीष कुंद्रा (Ashish Kundra) ने कोई भी फाइल उनको नहीं भेजी है। उन्होंने […]

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Delhi: IFC विभाग के प्रधान सचिव पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज का आरोप, नहीं भेजते मेरे पास कोई फाइल

Arpit Shukla

  • December 7, 2023 2:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण (IFC) विभाग पर भाजपा (BJP) के आरोप का जवाब मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने जवाब दिया। सौरभ ने कहा है कि विभाग का कार्यभार संभालने के बाद से विभाग के प्रमुख सचिव आशीष कुंद्रा (Ashish Kundra) ने कोई भी फाइल उनको नहीं भेजी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्च 2023 में कार्यभार संभालने के बाद से विभाग से संबंधित कोई भी फाइल, चाहे वह प्रशासनिक मंजूरी हो, सैद्धांतिक मंजूरी हो या भुगतान प्रसंस्करण और कार्यों को पूरा करने के लिए हो, उनको नहीं भेजी जा रही है।

मंत्री ने उठाया था सवाल

सौरभ भारद्वाज ने एक लिखित नोट में सवाल उठाया था कि कोई भी फाइल सैद्धांतिक मंजूरी के लिए मंत्री के पास क्यों नहीं भेजी जा रही है, जबकि सौरभ भारद्वाज ने प्रमुख सचिव आशीष कुंद्रा को निर्देश दिया था कि 25 लाख रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं से संबंधित सभी फाइलें सैद्धांतिक मंजूरी के लिए मंत्री के पास भेजी जाएं। मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक धन का उपयोग करके दिल्ली सरकार के आईएफसी विभाग की तरफ से शुरू की जा रही परियोजनाओं के बारे में कम से कम उनको तो पता होना चाहिए।

नोट का नहीं दिया जवाब

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हैरानी की बात ये है कि कुंद्रा ने उनके नोट का जवाब नहीं दिया और इस फाइल को वित्त विभाग के प्रधान सचिव आशीष चंद्र वर्मा के पास उनकी राय के लिए भेज दिया। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि आशीष कुंद्रा और आशीष चंद्र वर्मा ने मिलीभगत से लिखित रूप में ऐलान किया कि कुंद्रा के पास 50 करोड़ रुपये तक की परियोजना को मंजूरी देने का अधिकार है।

और क्या कहा सौरभ भारद्वाज ने?

भाजपा शासित केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए भारद्वाज ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से बनाए गए कानूनों के कारण 50 करोड़ रुपये तक की किसी भी परियोजना से संबंधित फाइलें प्रशासनिक या सैद्धांतिक मंजूरी के लिए प्रभारी मंत्री के पास नहीं भेजी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भुगतान प्रक्रिया के लिए भी फाइलें मंत्री के पास नहीं भेजी जा रहीं।

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