Delhi MCD Merger नई दिल्ली, Delhi MCD Merger दिल्ली नगर निगम (संशोधन) बिल को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंज़ूरी दे दी गयी है. इस बिल में दिल्ली की तीनों एमसीडी के विलय का प्रस्ताव था जिसपर अब रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) कुछ सवाल खड़े करती दिख रही है. लिखा उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र दिल्ली नगर […]
नई दिल्ली, Delhi MCD Merger दिल्ली नगर निगम (संशोधन) बिल को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंज़ूरी दे दी गयी है. इस बिल में दिल्ली की तीनों एमसीडी के विलय का प्रस्ताव था जिसपर अब रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) कुछ सवाल खड़े करती दिख रही है.
दिल्ली नगर निगम बिल (संसोधन) में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस मामले पर आरडब्लूए ने भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं. जहां मामले में दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर बताया गया है कि न तो उनसे पूछ कर दिल्ली के तीनों निगम को बांटा गया और अब दिल्ली के तीनों निगमों का विलय किया जा रहा है. इसके अलावा इस पत्र में निकाय विभागों के प्रदर्शन के ऑडिट और एकीकरण प्रक्रिया में नागरिक समाज की भागीदारी बढ़ाने की मांग भी की गयी है.
बता दें की बीते सोमवार को ‘यूनाइटेड रेजिडेंट जॉइंट एक्शन ऑफ दिल्ली’ (यूआरजेए) ने भी अनिल बैजल को पत्र लिखकर तीनों निकायों का विलय करने के फैसले का स्वागत किया. लेकिन ‘यूनाइटेड रेजिडेंट जॉइंट एक्शन ऑफ दिल्ली’ (यूआरजेए) द्वारा उस तरीके पर चिंता व्यक्त की गयी जिससे इन तीनों निकायों को एक किया जाएगा.
अध्यक्ष अतुल गोयल ने एक बातचीत के दौरान बताया कि, पहले नगर निगम को नागरिक समाज या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से बिना किसी सलाह लिए बिना ही 2012 में तीन हिस्सों में बांट दिया गया था. नगर निगमों की अब तक कोई जवाबदेही नहीं है. हमारे पास कोष की कमी है और हमें इन संस्थाओं पर भरोसा नहीं है. हम चाहते हैं कि एमसीडी के प्रदर्शन की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि समस्याओं को समझा जा सके और लोगों को मुद्दों से अवगत कराया जा सके.”
बता दें की दिल्ली के पांच स्थानीय निकायों, उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड तथा नई दिल्ली नगर परिषद हैं. इनमें से दिल्ली एमसीडी का अधिकांश हिस्सा उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अंदर आता है. 2012 से पहले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के तौर पर ये सभी निकाय एक ही थे. लेकिन शीला दीक्षित की सरकार में एमसीडी को तीन नगर निगमों में विभाजित करने का फैसला किया गया था. उस समय आरडब्लूए ने बताया था कि इससे केवल कोष का असमान वितरण और कुप्रबंधन हुआ है क्योंकि किसी की भी जवाबदेही नहीं है.