नई दिल्ली. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव का प्रचार आज (शुक्रवार) शाम 6 बजे थम गया, आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था. अब राजधानी में एमसीडी के सभी 250 वार्डों पर 4 दिसंबर रविवार को मतदान होना है, जहां पर 1349 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है. चुनाव प्रचार का अंतिम दिन होने से भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत प्रचार में झोंक दी है. एमसीडी का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय हो गया है, बता दें एमसीडी पर पिछले 15 वर्षों से भाजपा काबिज़ है. ऐसे में, भाजपा अपने सियासी वर्चस्व को कायम रखने के लिए जद्दोजहद कर रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता के साथ-साथ नगर निगम पर भी अपना कब्ज़ा हासिल करने की कवायद कर रही है. और अगर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस दिल्ली की सियासत में अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने के लिए मशक्कत कर रही है.
दिल्ली नगर निगम में परिसीमन के बाद अब कुल 250 पार्षद सीटें हैं, जबकि पहले 272 सीटें थीं. पहले उत्तरी और दक्षिण नगर निगम 104-104 सीटें थी वहीं पूर्वी दिल्ली में 64 सीटें थी लेकिन अब तीनों वार्डों के एकीकरण और परीसीमन के बाद ये सीट घटकर 250 हो गई हैं. दिल्ली के 21 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक वार्ड कम किए गए हैं तो वहीं एक विधानसभा में सीट बढ़ी भी है, ऐसे में आगामी चुनाव में 250 वार्डों में पार्षद के चुनाव होंगे.
दिल्ली नगर निगम की 250 सीटों में से अनुसूचित जाति (SC) के लिए 42 सीटें आरक्षित की गई हैं जबकि महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी, पहले ही इन सीटों को चिन्हित कर लिया गया है. आम तौर पर ये सब चुनाव की घोषणा से पहले ही कर लिया जाता है, ऐसे ही ओबीसी के लिए 27 फीसदी सीटों को भी आरक्षित किया जाना है.
एमसीडी चुनाव में फिलहाल 1.49 करोड़ मतदाता है, पोलिंग बूथवार मतदाताओं की सूची भी जारी की जाएगी, ऐसे में चुनाव आयोग दिल्ली विधानसभाओं के हिसाब से तैयार मतदाता सूची का ही इस्तेमाल आगामी निगम चुनाव में करेगा. कहा जा रहा है कि 1500 मतदाताओं पर एक पोलिंग बूथ बनाए जा सकते हैं.
दिल्ली में 250 वार्ड में नगर निगम चुनाव होने वाले हैं, दिल्ली विधानसभा के हिसाब से बने मतदाता सूची का इस्तेमाल एमसाडी चुनाव में किया जाएगा, दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में 2860 पोलिंग स्टेशन पर कुल 13 हजार 760 मतदान बूथ बनाए गए थे, लेकिन ये तो निकाय चुनाव है और इसमें मतदाताओं की संख्या बढ़ी भी है, लिहाजा मतदान केंद्रों की संख्या पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा होगी. वहीं, जिला चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पोलिंग स्टेशन जिस वार्ड के लिए बनाए जा रहे हैं, वे उसी की सीमा क्षेत्र में स्थित हो. बता दें निकाय चुनाव कराने के लिए बिहार के 12 जिलों से 30 हजार ईवीएम मंगाई गई हैं.
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