नई दिल्ली: किसी आरोपी की अधिकतम पुलिस हिरासत को 90 दिनों तक बढ़ाने (15 दिनों की पिछली सीमा के विपरीत) जैसे तीन नए आपराधिक कानूनों के कठोर प्रावधानों का हवाला देते हुए दिल्ली के वकील अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आज काम से दूर रहे.
नई दिल्ली बार एसोसिएशन (एनडीबीए) और शाहदरा बार एसोसिएशन सहित अन्य ने प्रस्ताव पारित किए, क्योंकि उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से सोमवार को कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं करने का अनुरोध किया. नए कानूनों के खिलाफ अपना आक्रोश दर्ज कराने के लिए विभिन्न वकील तख्तियां लेकर पटियाला हाउस कोर्ट परिसर के बाहर एकत्र हुए. वहीं इससे पहले शुक्रवार को कुछ वकील एक प्रशासनिक सिविल न्यायाधीश द्वारा पारित कठोर आदेश को उजागर करते हुए हड़ताल पर चले गए, जिसने कथित तौर पर कार्यवाहक शाखा की पूर्व मंजूरी के बिना वकीलों के कक्षों में किसी भी मरम्मत सामग्री के प्रवेश और निकास को प्रतिबंधित कर दिया था.
दिल्ली बार एसोसिएशन (डीबीए) के एक बयान में कहा गया कि प्रशासनिक सिविल जज द्वारा पारित परिपत्र के विरोध में 12 जुलाई को काम से पूर्ण परहेज किया जाएगा. दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून उचित परामर्श के बाद पारित किए गए थे. उन्होंने दिल्ली में कानून मंत्रालय के एक कार्यक्रम से कहा कि गृह मंत्रालय इस मामले को बहुत अच्छी तरह से देख रहा है. यह नागरिकों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए है.
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