महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को कई राज्यों में छापेमारी के बाद माओवादियों से सहानुभूति रखने वाले 5 प्रमुख एक्टिविस्ट को गिरफ्तार किया है. इनमें गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, अरुण फेरीरा, वर्नान गॉन्जाल्विज और वरवर राव शामिल हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह गौतम नवलखा को दिल्ली से पुणे तब तक न ले जाएं जब तक बुधवार को अदालत इस केस की सुनवाई न कर ले.
नई दिल्लीः महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की कथित साजिश में देश के कई राज्यों में छापे मारे. पुलिस ने देश के 5 प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को माओवादियों से सहानुभूति रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है. जिन एक्टिविस्ट्स को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, अरुण फेरीरा, वर्नान गॉन्जाल्विज और वरवर राव हैं. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप पर महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को दिल्ली से तब तक बाहर नहीं ले जाया जाए, जब तक कि वह कल (बुधवार) सुबह मामले की सुनवाई नहीं कर लेती.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को गौतन नवलखा की वकील वारिशा फरासत द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि जिन दस्तावेजों को अदालत के समक्ष पेश किया गया है उनके आधार पर गौतम नवलखा के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है. गौतम नवलखा के हाउस अरेस्ट पर जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की बेंच ने कहा कि गौतम नवलखा अपने आवास पर पुलिस की निगरानी में रहेंगे. उन्हें सिर्फ अपने वकीलों से मिलने की इजाजत होगी. कोर्ट ने कहा कि अदालत बुधवार सुबह सबसे पहले इस मामले पर सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार सुबह गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया था. उन्हें 31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुणे के भीमा-कोरेगांव में ‘एल्गार परिषद’ कार्यक्रम का आयोजन किए जाने के बाद हिंसा हुई थी. महाराष्ट्र पुलिस ने माओवादियों के कथित संदिग्ध समर्थकों के महाराष्ट्र, दिल्ली, तेलंगाना, गोवा और झारखंड समेत कई राज्यों में ठिकानों पर छापेमारी की. भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच के मामले में यह छापेमारी की गई. बताते चलें कि अगर अदालत गौतम नवलखा को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों से मुक्त करती है तो गिरफ्तार किए गए अन्य एक्टिविस्ट्स को भी उसी पत्र के आधार पर राहत मिल सकती है.
#DelhiHC stays Activist Gautam Navlakha's transfer to Pune till tomorrow. Court observes that it is not possible to make out the case against Gautam Navlakha from the documents placed before it.
Matter to be heard tomorrow morning. #BhimaKoregaon pic.twitter.com/VwSy4241mz
— Bar and Bench (@barandbench) August 28, 2018