दिल्ली हाईकोर्ट ने मेट्रो कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है. दिल्ली मेट्रो के 9 हजार नॉन एक्जीक्यूटिव कर्मचारी 30 जून से हड़ताल पर जाने वाले थे. दिल्ली हाईकोर्ट ने शहरवासियों को बड़ी राहत देते हुए मेट्रो कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रोक लगाई है. दिल्ली मेट्रो में करीब 12,000 कर्मचारी हैं, जिनमें 9,000 गैर कार्यकारी स्टाफ है.
नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो के कर्मचारियों की हड़ताल पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. दिल्ली मेट्रो के कुल 12 हजार में से 9000 कर्मचारी 30 जून से हड़ताल पर जाने वाले थे. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मेट्रो से 25 लाख लोग सफर करते है और कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से वो प्रभावित होंगे लिहाज़ा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाना कही से भी कानून के लिहाज से सही नहीं है. वहीं दिल्ली के मु्ख्मयंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मेट्रो कर्मचारियों की जायज मांगें पूरी हों.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 जून की हड़ताल पर रोक लगाते हुए कहा कि यह अगले आदेश तक नहीं की जा सकती. कोर्ट 6 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा के लिए मेट्रो अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाई है. माननीय एलजी की सहमति के लिए ईएसएमए से संबंधित फाइल भी भेजी जा रही है.
दिल्ली मेट्रो में करीब 12000 कर्मचारी हैं जिनमें से 9000 गैर कार्यकारी स्टाफ है. डीएमआरसी के कुछ गैर कार्यकारी कर्मचारी 19 जून से यमुना बैंक और शाहदरा स्टेशन समेत कुछ स्टेशनों पर अपनी मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल ने अपनी मांगें दिल्ली मेट्रो अथॉरिटी और शहरी विकास मंत्रालय को भेजी थीं. बताया जा रहा है कि इन पर सहमति नहीं बन पाई है. इसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया था.
गैर कार्यकारी स्टाफ में ट्रेन चालक, स्टेशन कंट्रोलर, ऑप्रेशन एंड मेंटीनेंस स्टाफ व टेक्निशियन आदि पदों के कर्मचारी/अधिकारी होते हैं. इनकी हड़ताल से दिल्ली मेट्रो पूरी तरह ठप हो सकती थी. इसीलिए हाई कोर्ट ने लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए कल होने वाली हड़ताल पर रोक लगाई है. मेट्रो कर्मचारियों की मांग है कि डीएमआरसी कर्मचारी काउंसिल के बजाय संघ बनाया जाए. वहीं पे रोल और वेतन वृद्धि आदि भी मांगों में शामिल है.
Honble High Court has restrained DMRC employees from going on strike on 30.06.18. Delhi Govt is of the view that all genuine demands of the employees should be accepted. Delhi Govt is equally committed to ensure smooth functioning of DMRC and if needed ESMA wuld have been invoked
— Kailash Gahlot (@kgahlot) June 29, 2018
Whereas all genuine demands of Metro employees shud be met, strike wud cause inconvenience to lakhs of people. Strike shud not take place. Whereas govt imposing ESMA as last resort, I wud urge employees to not resort to strike. https://t.co/kbWtkUZvCL
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 29, 2018
Whereas all genuine demands of Metro employees shud be met, strike wud cause inconvenience to lakhs of people. Strike shud not take place. Whereas govt imposing ESMA as last resort, I wud urge employees to not resort to strike. https://t.co/kbWtkUZvCL
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 29, 2018