नई दिल्ली। सीबीएसई (CBSE) 12वीं के फाइनल रिजल्ट को तैयार करने से पहले छात्रों को बिना जानकारी दिए वेटेज फॉर्मूला में बदलाव करने पर हाईकोर्ट ने सीबीएसई की खिंचाई की है। 5 जुलाई 2021 को सीबीएसई (CBSE) ने एक सर्कुलर जारी किया था कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में टर्म-1 और टर्म-2 (थ्योरी) की परीक्षाओं […]
नई दिल्ली। सीबीएसई (CBSE) 12वीं के फाइनल रिजल्ट को तैयार करने से पहले छात्रों को बिना जानकारी दिए वेटेज फॉर्मूला में बदलाव करने पर हाईकोर्ट ने सीबीएसई की खिंचाई की है। 5 जुलाई 2021 को सीबीएसई (CBSE) ने एक सर्कुलर जारी किया था कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में टर्म-1 और टर्म-2 (थ्योरी) की परीक्षाओं को बराबर 50-50 प्रतिशत वेटेज प्रदान किया जाएगा। लेकिन परिणामों की घोषणा करने से एक दिन पहले 21 जुलाई, 2022 को सिफारिश हुई कि वेटेज फॉर्मूला 30-70 प्रतिशत होना चाहिए।
जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने अपने फैसले में बताया कि बोर्ड के रवैये में काफि बड़ी खामियां हैं। उसने सुस्त रवैया को अपनाया है। यह दौड़ खत्म होने के बाद दौड़ के नियमों को बदलने जैसा फैसला है। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं है जो यह बताए कि सीबीएसई के अध्यक्ष या किसी सक्षम प्राधिकारी ने नए वेटेज के संबंध में अनुशंसा को स्वीकार करने, लागू करने और अधिसूचित करने के लिए ऐसा कोई आदेश पारित किया था।
बता दें कि अदालत ने एक छात्रा की याचिका पर अपने आदेश में कहा कि बोर्ड उसका रिजल्ट 5 जुलाई, 2021 को घोषित फॉर्मूले के मुताबिक तैयार करे। छात्रा ने अपनी याचिका में बोर्ड द्वारा घोषित किए उसके 12वीं के परिणाम को चुनौती दी थी। उसने 5 जुलाई 2021 के जारी सर्कुलर के अनुसार टर्म-1 और टर्म-2 (थ्योरी) की एग्जाम को बराबर 50-50 प्रतिशत वेटेज देकर रिजल्ट घोषित करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि वह छात्रों के व्यापक हित में संशोधित वेटेज फॉर्मूले में हस्तक्षेप नहीं कर रहा।
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