नई दिल्लीः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब अपराध की घटनाओं के लिए प्रिंसिपल को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा. यानी स्कूल परिसर के भीतर किसी भी छात्र से या फिर उसके द्वारा दुर्व्यवहार के मामले में अब प्रिंसिपल सीधे उत्तरदायी होंगे. सरकार की ओर से शिक्षा निदेशक ने सभी स्कूलों को एक सर्कुलर जारी किया है, इसमें राजधानी के सरकारी स्कूल के प्रमुखों (प्रिंसिपल) को आदर्श आचार संहिता को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है.
शिक्षा निदेशक की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि स्कूल परिसर में छात्रों द्वारा नियम-कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा है. जैसे- क्लासेज़ बंक करना, छात्रों द्वारा स्कूल टीचरों या स्टॉफ से दुर्व्यवहार, सहपाठियों को तंग करना, उनके साथ छेड़छाड़ करना, स्कूल परिसर में जुआ खेलना, स्कूल की संपत्ति चुराना, स्कूल परिसर में च्यूइंग गम या पान मसाला आदि खाना और जाति आधारित टिप्पणी के मामलों में प्रिंसिपल को संबंधित छात्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी. यह सभी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन हैं.
10 सितंबर को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि नियमों को तोड़ने पर संबंधित छात्र के खिलाफ निलंबन या फिर सजा जैसे- स्कूल के बाद शेष समय में छात्र से स्कूल का काम कराना या फिर इससे जुड़ा कोई अन्य काम कराना होगा. 9वीं से 12वीं क्लास के छात्रों को नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल से निष्कासित भी किया जा सकता है. ऐसे मामलों में आरोपी छात्र के खिलाफ स्कूल प्रशासन के कार्रवाई न करने पर प्रिंसिपल इसके लिए उत्तरदायी होंगे. बता दें कि इसी माह उत्तर-पश्चिम दिल्ली के एक स्कूल में तीन साल की बच्ची से यौन शोषण की घटना सामने आने के बाद शिक्षा निदेशक द्वारा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट से जुड़ा यह सर्कुलर जारी किया गया है.
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