Delhi Pollution: बड़ा फैसला, दिल्ली में नहीं आ सकेंगे भारी माल वाहन, 1 अक्टूबर से रोक

नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जहां सर्दी आते ही यहाँ प्रदूषण की समस्या गहरा जाती है. अब दिल्ली में सर्दी के महीनों में यानी अक्टूबर से लेकर अगले साल फरवरी तक मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई […]

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Delhi Pollution: बड़ा फैसला, दिल्ली में नहीं आ सकेंगे भारी माल वाहन, 1 अक्टूबर से रोक

Riya Kumari

  • June 23, 2022 11:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जहां सर्दी आते ही यहाँ प्रदूषण की समस्या गहरा जाती है. अब दिल्ली में सर्दी के महीनों में यानी अक्टूबर से लेकर अगले साल फरवरी तक मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

क्या है नया नियम?

दिल्ली की प्रदूषण समस्या किसी से छिपी नहीं है. जहां सर्दियां शुरू होते ही यह बढ़ जाती है. सर्दियों के दौरान पूरा शहर गैस चैंबर में तब्दील हो जाता है. अब इस प्रदूषण से दिल्ली वासियों को कुछ राहत मिल सकती है. इस बात की ओर इशारा करता है दिल्ली सरकार का नया फैसला. जिसके अनुसार अब सर्दियों के महीने में दिल्ली के अंदर बड़े और मध्यम भारी वाहन प्रवेश नहीं कर सकेंगे. ये ऐलान सर्दी शुरू होने से कुल 3 महीने पहले किया गया है. जहां प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए 1 अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक दिल्ली के परिवहन पर यह नियम लागू रहेगा.

इस साल के अक्टूबर से अगले 5 महीने तक दिल्ली में किसी भी प्रकार के मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है. यह वाहन दिल्ली के बॉर्डर पर एंट्री नहीं कर सकेंगे. सरकार के इस फैसले से अब वाहनों पर बड़ी रोक लगा दी गई है. बता दें, दिल्ली सरकार हर वर्ष सर्दियों में दिल्ली को गैस चैंबर में तब्दील होने से बचाने के लिए कोई न कोई प्रयास करती रहती है. जहां बीते दिनों ही दिल्ली में पॉल्यूशन को कम करने के लिए पराली पर भी रोक लगाई गई थी.

दिल्ली सरकार के प्रयास

यह नया नियम दिल्ली के आउटर वाहनों पर इस साल यानी 1 अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक लागू रहेगा. इसके अलावा भी दिल्ली सरकार अन्य कई प्रयास करती रहती है. जहां इन प्रयासों में सर्दियों के दौरान पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा पराली जलाने के मामलों को कम करने का प्रयास शामिल है. जिसका धुआं दिल्ली पहुंचता है और राजधानी की हवा में ठंडक होने के कारण यह निचली सतह पर बना रहता है. इस कारण राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां भी आती है.

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