नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ रहा है वैसे-वैसे दिल्ली वासियों के दिलों की धड़कन रुकने लगी है. पिछले 4 दिनों से यमुना के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जहां इस समय यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. गुरुवार की बात […]
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ रहा है वैसे-वैसे दिल्ली वासियों के दिलों की धड़कन रुकने लगी है. पिछले 4 दिनों से यमुना के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जहां इस समय यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. गुरुवार की बात करें तो दोपहर एक और दो बजे तक यमुना का स्तर 208.62 मीटर पहुंच गया था. इस बीच राहत की बात ये है कि पिछले तीन घंटों से यमुना का जल स्तर स्थिर है.
बता दें, बुधवार को यमुना के पानी ने पिछले 45 साल के रिकॉर्ड तोड़ते हुए 208.48 मीटर का स्तर पार कर लिया था. इसके बाद से दिल्लीवासियों के लिए खतरे की घंटी और तेज हो गई थी. दिल्ली के लोग इस समय दहशत में जी रहे हैं. क्योंकि कभी भी यमुना का पानी उनके घरों में प्रवेश कर सकता है. दिल्ली के कई इलाकों में ये पानी घरों तक भी पहुंच चुका है लेकिन अधिकांश इलाके इसकी चपेट में आने से बचे हुए हैं. दूसरी ओर हथिनीकुंड से भी गुरुवार को 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे दिल्ली सरकार की चिंता और बढ़ गई है. हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि हरियाणा से लगातार इस बारे में बातचीत की जा रही है.
दिल्ली में सभी गैर-जरूरी सरकारी दफ्तरों को बंद कर दिया गया है प्रभावित क्षेत्रों में पानी भर जाने के कारण स्कूल, कॉलेजों की भी छुट्टी कर दी गई है. सभी निजी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम का रास्ता अपना लिया है. बता दें, ये फैसले उपराज्यपाल की अगुवाई में DDMA की मीटिंग में लिए गए हैं.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ के बीच दिल्ली में पीने के पानी की समस्या होने की बात बताई है. दिल्ली के वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बाढ़ की वजह से बंद करना पड़ रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया है कि जलस्तर के घट जाने पर फिर से प्लांट शुरू कर दिए जाएंगे. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने विधायकों और मंत्रियों को लोगों की मदद करने के निर्दश भी दिए हैं.