नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रवाद और शाहीन बाग मुद्दा काम नहीं आया. ये हमारा नहीं बल्कि मतगणना के दौरान आ रहे रूझानों का कहना है. वोटों की गिनती में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जीत की ओर है.
केजरीवाल की जीत भाजपा के लिए झटका जरूर है क्योंकि राजधानी के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत 350 लोकसभा- राज्यसभा ने जमकर प्रचार करते हुए अपनी धमाकेदार जीत का दावा किया था.
दिल्ली के शाहीन बाग में हजारों की तादाद में महिलाएं सीएए- एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं. दिल्ली के चुनाव में भी मुद्दा जोरों शोरों पर रहा. योगी आदित्यनाथ, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा समेत कई बीजेपी नेताओं ने खूब विवादित बयान दिए. यहां तक की चुनाव आयोग ने भी नोटिस दे डाला लेकिन बीजेपी नेता नहीं मानें. भाजपा को उम्मीद थी कि शायद ये मुद्दा भुन जाएगा लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आया.
वहीं राष्ट्रवाद भी चुनाव में बड़ा मुद्दा रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा में लोगों को पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक याद दिलाई. एनडीए सरकार आने के बाद आर्मी मजबूत होने का दावा भी किया. लेकिन कहीं न कहीं लोग राष्ट्रवाद और सीएए विरोध प्रदर्शनों पर आकर्षित नहीं हो पाए जिसका असर भी पूरी तरह चुनाव नतीजों पर दिख गया.
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