नई दिल्ली, देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा सकती है. जहां राजधानी दिल्ली में भी कोरोना अब धीरे-धीरे पैर पसारने लगा है. बीते 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के कुल 928 नए मामले सामने आये हैं. इस बीच मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है. इस दौरान मरने वाले […]
नई दिल्ली, देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा सकती है. जहां राजधानी दिल्ली में भी कोरोना अब धीरे-धीरे पैर पसारने लगा है. बीते 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के कुल 928 नए मामले सामने आये हैं. इस बीच मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है. इस दौरान मरने वाले संक्रमितों की संख्या 3 रही. अब राजधानी दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 7.08 फीसद हो गई है. बता दें, बीते 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना के कुल 13,099 टेस्ट किये गए. इस बीच कोरोना से ठीक होने वालो की संख्या भी बढ़ी है. जहां 1466 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं. सक्रीय मामलों की बात करें तो दिल्ली में इस समय 5054 सक्रीय मामले हैं. राहत की खबर ये है कि 234 संक्रमित मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं. बाकी मरीजों को घर रहकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
दिल्ली में आज #COVID19 के 928 नए मामले सामने आए, सक्रिय मामले 5,054 हैं। pic.twitter.com/GpzIfBspWQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2022
कल यानी मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के एक हज़ार से अधिक मामले सामने आये थे. जहां मरने वालों की संख्या आज के मुकाबले कम थी. कल राजधानी में मरने वालों का संख्या केवल 1 रही. जहां कोरोना के 1383 नए मामले दर्ज़ किये गए थे. वहीं संक्रमण दर भी कल आज के मुकाबले अधिक थी. कल दिल्ली में 7.2 फीसदी की संक्रमण दर दर्ज़ की गई थी. बता दें, पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना के नए मामले एक हज़ार के पार दर्ज़ किये जा रहे थे. जहां आज दिल्ली वासियों के लिए एक हज़ार से मामले कम आना एक अच्छा संकेत है. हालांकि मौतों का आंकड़ा अभी भी उसी प्रकार बना हुआ है बल्कि कल के मुकाबले दो मौत अधिक दर्ज़ की गई हैं.
आईसीएमआर और भारत बायोटेक के अध्ययन में विशेषज्ञों का कहना है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके का प्रभाव बढ़ाती है। अध्ययन में कहा गया है कि सीरियन हैमस्टर मॉडल (मनुष्य से जुड़ी बीमारियों का अध्ययन करने वाले पशु मॉडल) में डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीकाकरण की दो-तीन खुराक के बाद भारत बायोटेक के कोवैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षात्मक क्षमता तथा ओमीक्रोन के स्वरूपों के खिलाफ इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन के नतीजे पिछलें दिनो बायोआरक्सिव में प्रकाशित हुए।
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