दिल्ली : एक हजार से कम हुए कोरोना मामले, 2 लोगों की गई जान

नई दिल्ली, देश की राजधानी में कोरोना की रफ़्तार में गिरावट देखी गई है. दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार एक हज़ार से कम दर्ज़ किये गए हैं. बीते 24 घंटे की बात करें तो राजधानी में कोरोना के 544 नए मामले सामने आए हैं. अच्छी खबर ये रही कि इस दौरान ठीक होने वाले […]

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दिल्ली : एक हजार से कम हुए कोरोना मामले, 2 लोगों की गई जान

Riya Kumari

  • July 9, 2022 7:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, देश की राजधानी में कोरोना की रफ़्तार में गिरावट देखी गई है. दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार एक हज़ार से कम दर्ज़ किये गए हैं. बीते 24 घंटे की बात करें तो राजधानी में कोरोना के 544 नए मामले सामने आए हैं. अच्छी खबर ये रही कि इस दौरान ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए संक्रमण से अधिक रही है. वहीं बात करें मृत्यु कि तो दिल्ली में बीते दिन 2 कोरोना संक्रमितों ने जान गवाई है. सक्रिय मामलों की बात करें तो दिल्ली में इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 2,264 बनी हुई है.

महाराष्ट्र में आए इतने मामले

देश में एक बार फिर कोरोना का संकट गहरा रहा है. जहां दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल समेत कई राज्यों में कोरोना के मामलों में उछाल देखा गया है. इस बीच किसी राज्य में सबसे अधिक कोरोना मामले देखने को मिल रहे हैं तो वह है महाराष्ट्र. बीते 24 घंटों की बात करें तो महाराष्ट्र में कोरोना के 2,760 नए मामले सामने आए हैं. अच्छी खबर ये है कि ठीक होने वालों की संख्या नए मामलों से अधिक है. जहां 2,934 मरीज ठीक भी हुए हैं. इस दौरान 5 लोगों की मृत्यु भी दर्ज़ की गई है. सक्रिय मामलों की बात करें महाराष्ट्र में इस समय कोरोना के 18,672 सक्रीय मामले हैं.

 

सक्रिय मामलों की संख्या 91,779 हुई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 88,284 से बढ़कर 91,779 हो गई है। बता दें ये कोरोना के कुल मामलों का 0.21 प्रतिशत है। वहीं पिछले 24 घंटे में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 3,495 हो गई है, और कोविड से मरीजों के ठीक होने का राष्ट्रीय दर 98.58 प्रतिशत है। बता दें कि दैनिक संक्रमण दर 4.39 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 3.30 प्रतिशत है।

बच्चों के लिए भी टीका

इसके अलावा नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन यानी NTAGI ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी टीके लगाने की सिफारिशें दी हैं. NTAGI ने कहा कि 12-17 आयु वर्ग में कम टीके लग रहे हैं, वे इसमें सुधार लाने के पक्ष में हैं. इस आयु वर्ग के लोगों को 12 वर्ष की आयु वर्ग वालों की तुलना में ज्यादा खतरा है, वहीं, बूस्टर के रूप में CORBEVAX के इस्तेमाल पर NTAGI की ओर से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है.

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