नई दिल्ली। देश की राजधानी में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा हैं. लेकिन इसके साथ पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ज्यादातर मरीजों को ठीक होने के बाद बुखार, शरीर में दर्द से जैसी परेशानियां हो रही है। हालांकि, राहत की बात यह है कि […]
नई दिल्ली। देश की राजधानी में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा हैं. लेकिन इसके साथ पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ज्यादातर मरीजों को ठीक होने के बाद बुखार, शरीर में दर्द से जैसी परेशानियां हो रही है। हालांकि, राहत की बात यह है कि मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी मृत्युदर स्थिर बनी हुई है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. पुलिन कुमार गुप्ता के मुताबिक मौसम में बदलाव के साथ ही वायरल के मामले भी बढ़ रहे हैं। जिसमें जांच के दौरान ज्यादातर मरीज कोरोना के सामने आए हैं। टीकाकरण होने के बाद से कोरोना संक्रमित बढ़े तो हैं, लेकिन गंभीर स्थिति नहीं बनी। लोग कोरोना से 5-6 दिन में ठीक हो रहे हैं। हालांकि, इस बार ये देखने को मिल रहा है कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों को 4-5 दिन बाद फिर से बुखार, शरीर में दर्द जैसी शिकायतों के साथ मरीज अस्पताल जाना पड़ रहा है। वहीं उनकी संख्या भी काफी ज्यादा है।
बता दें की दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के साथ संक्रमण दर में 13.84 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, मौत के आंकड़े भी लगातार आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 2311 नए मामले सामने आए हैं और 1837 मरीज ठीक हुए, जबकि एक मरीज की मौत हो गई। 2311 नमूनों की जांच की गई, जिनमें 13.84 संक्रमित मिले। अभी 7349 सक्रिय मामले हैं। इनमें से घरों में 4586 व अस्पताल में 452 मरीज अपना इलाज करा रहे हैं। हॉटस्पॉट की संख्या 217 बढ़ गई है।
कोरोना के लक्षण नजर आने के बाद भी भारी संख्या में मरीज कोविड की जांच नहीं करवा रहे हैं। प्रोफेसर डॉ. पुलिन कुमार गुप्ता ने जानकारी दी है कि कोरोना लक्षणों के साथ अस्पताल में आने वाले लगभग आधे मरीज कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं। कई लोग एंटीजन किट से जांच कर रहे हैं, जिसकी सूचना नहीं मिल भी नहीं पाती है। अगर सभी मरीज अपनी जांच करवाएं तो संक्रमण का ये आंकड़ा काफी बढ़ सकता है।
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