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दिल्ली में लौट रहा कोरोना! रोज़ाना हो रही 8 से 10 मौतें

नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से लोगों के मन में चिंता डाल दी है. राजधानी में पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना से 8-10 मौते हो रही हैं. पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले भी दो हज़ार से ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं. […]

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Corona cases in delhi
  • August 16, 2022 9:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से लोगों के मन में चिंता डाल दी है. राजधानी में पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना से 8-10 मौते हो रही हैं. पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले भी दो हज़ार से ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ट्वीट करते हुए लोगों से कोरोना एहतियातों का पालन करने को कहा है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने भी चेतावनी दी है कि मास्क जरूर पहनें और कोरोना नियमों का पालन करते रहें. इस बीच दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने पर जुर्माने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है.

सावधानी बरतने की ज़रूरत !

स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सुनीला गर्ग का कहना है कि कोरोना से रिकवरी की दर अच्छी है, लेकिन मामले बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. दिल्ली में 9,000 से अधिक कोविड बिस्तरों पर इस समय मरीज भर्ती हैं. 2,129 आईसीयू बेड में से 20 पर मरीज भर्ती है वहीं 65 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि घबराने वाली स्थिति नहीं है, बस सावधानी बरतने की ज़रूरत है.

नाक से दी जाने वाली वैक्सीन का ट्रायल सफल

कोरोना वायरस के खिलाफ जल्द ही एक और बड़ी सफलता मिल सकती है, अब नाक के रास्ते से दी जाने वाली वैक्सीन का बूस्टर ट्रायल भी सफल हो गया है. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी है. भारत की इस फार्मा कंपनी ने कहा कि उसने अपने इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन बीबीवी 154 के लिए चरण-III और बूस्टर डोज का ट्रायल पूरा कर लिया है और यह वैक्सीन सुरक्षित भी साबित हुई है.

टीका निर्माता कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा कि संभावित टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण सफल रहे थे, बीबीवी154 को खासतौर पर नाक के रास्ते शरीर में पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. नाक के जरिये टीके की खुराक देने के अलावा इसे इस तरह से डिजाइन व विकसित किया गया है जिससे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए भी ये किफायती हो, इसकी कीमत बहुत ज्यादा नहीं है.

 

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