नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर घमासान मचा हुआ है. पार्टियां खुद को जनता की हितैषी दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. गुरुवार को सीलिंग की सबसे बड़ी कार्रवाई में 450 से ज्यादा दुकानों पर छापेमारी की गई. साउथ दिल्ली के लाजपत नगर की अमर कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश-2 और वेस्ट जोन को मिलाकर ही करीब 400 प्रॉपर्टियां सील कर दी गईं. सिर्फ अमर कॉलोनी मार्केट में ही 350 दुकानें सील की गईं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अमर कॉलोनी पहुंचे और व्यापारियों से बात की. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 31 मार्च तक सीलिंग नहीं रोकी गई, केंद्र सरकार अध्यादेश नहीं लाई तो वह खुद भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
सीलिंग की कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली के 100 से ज्यादा व्यापारी संगठनों ने फैसला किया है कि वह 13 मार्च को फिर से दिल्ली बंद करेंगे. कारोबारियों की बैठक में यह भी तय किया गया कि अगर व्यापारियों को सीलिंग से राहत नहीं मिलती तो अब आंदोलन और तेज होगा. सीलिंग के खिलाफ दिल्ली सरकार के साथ से कारोबारी जरूर थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं. कारोबारियों की मांग है कि दिल्ली में तत्काल सीलिंग रोकी जाए. व्यापारियों को सीलिंग से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार संसद में बिल लाए. दूसरी ओर व्यापारियों ने केजरीवाल सरकार से कहा कि दिल्ली सरकार भी विधानसभा सत्र बुलाए और इससे संबंधित बिल केंद्र सरकार को भेजे.
बता दें कि गुरुवार को मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देश पर की गई कार्रवाई में अमर कॉलोनी मार्केट ज्यादा निशाने पर रही. टीम के साथ करीब 200 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. इस दौरान कारोबारियों की पुलिस के साथ काफी कहासुनी हुई. दुकानदारों ने एक साथ अपनी दुकानें बंद कर दीं. पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. कुछ लोग घायल हो गए. अपनी दुकानों की सील होती देख कई महिला दुकानदार बेहोश हो गईं. दुकानदारों का कहना है कि वह पिछले 10 वर्षों से कन्वर्जन चार्ज और अन्य चार्जेज का भुगतान कर रहे हैं, ऐसे में उनकी दुकानें क्यों सील की जा रही हैं? सीलिंग से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया. दुकानों में लाखों रुपये का माल पड़ा है, ऐसे में उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा.
गौरतलब है कि दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर राजनैतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. जहां आम आदमी पार्टी का कहना है कि सीलिंग के लिए बीजेपी जिम्मेदार है तो वहीं बीजेपी इसके लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार बता रही है. पिछले साल दिसंबर से शुरू हुई सीलिंग के विरोध में दोनों ही पार्टियां कई बार व्यापारियों संग प्रदर्शन कर चुकी हैं. बहरहाल अरविंद केजरीवाल के ऐलान के बाद एक बार फिर सीलिंग के मुद्दे पर सियासी घमासान तेज होने के आसार नजर आ रहे हैं.
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