नई दिल्ली। बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले (Bamnoli Land Acquisition) में दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव नरेश कुमार (Delhi Chief Secretary Naresh Kumar) पर मिलीभगत का आरोप लगाने वाली अपने सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट CBI तथा प्रवर्तन निदेशालय को भेज दी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया। इस मामले में […]
नई दिल्ली। बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले (Bamnoli Land Acquisition) में दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव नरेश कुमार (Delhi Chief Secretary Naresh Kumar) पर मिलीभगत का आरोप लगाने वाली अपने सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट CBI तथा प्रवर्तन निदेशालय को भेज दी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया। इस मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और निहित स्वार्थों के कारण लोग उन पर कीचड़ उछाल रहे हैं।
इससे पहले बुद्धवार को दिल्ली के द्वारका एक्सप्रेसवे भूमि अधिग्रहण में भ्रष्टाचार को लेकर सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG विनय कुमार सक्सेना पास कार्रवाई करने के लिए भेज दी। सीएम ने उपराज्यपाल से दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से पद से बर्खास्त करने की मांग की।
बता दें कि मंगलवार को दिल्ली सरकार में सतर्कता मंत्री आतिशी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 650 पन्ने की प्राथमिक रिपोर्ट भेजी थी। आतिशी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण में बरती गई अनियमितताओं की शुरुआती जांच में पाया है कि दिल्ली चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनी को 850 करोड़ का नाजायज लाभ पहुंचाया।
आरोप है कि चीफ सेक्रेटरी के बेटे की कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास साल 2015 में यह जमीन मात्र 75 लाख में खरीदी थी। अब महंगे दाम पर उसी जमीन का भूमि अधिग्रहण द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए किया गया है। इस तरह से मुख्य सचिव के बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का फायदा हुआ।