नई दिल्ली: जल्द ही दिल्ली के आम लोगों को आवागमन के लिए प्रीमियम बस सेवा की सुविधा मिलने वाली है. दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी की सड़कों पर प्रीमियम बसें शुरू करने की नीति लगभग तैयार की जा चुकी है. इस मामले में कैबिनेट नोट भी तैयार कर लिया गया है. आइए जानते हैं क्या है इस बस सुविधा की खासियतें.
इसे जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद ही इसे अधिसूचित कर लोगों को लाभ मिल सकेगा. दरअसल इस योजना के पीछे दिल्ली सरकार की मंशा सड़कों से वाहनों का बोझ कम करना है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लोग बसों में सफर करने के लिए तैयार नहीं हैं. इससे राजधानी की सड़कों का बोझ तो बढ़ ही रहा है प्रदूषण में भी बढ़ोतरी हो रही है.
-माना जा रहा है कि यह सभी लग्जरी बसें होंगी। ऐसे में यदि दिल्ली के लोगों को आवागमन के लिए लग्जरी बसें मिलीं तो वह अपनी कार छोड़ कर बसों से चलेंगे। इससे लाभ ये होगा की दिल्ली में बसों की संख्या एकाएक बढ़ जाएगी.
-ये बसें निजी कंपनियों द्वारा चलाई जाएंगी. इसलिए दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर्स (प्रीमियम बसें) योजना को भी लागू करने की तैयारी है.
-यात्री बसों के टिकट मोबाइल व वेब आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से बुक कर पाएंगे. इसके लिए कोई भी फिजिकल टिकट जारी नहीं होगा.
-एप पर बसों का किराया तो दिखाया ही जाएगा साथ ही उसका रुट भी दिया जाएगा.
-बीएस-6 मानकों का पालन करने वाली सभी बसें वातानुकूलित सीएनजी या इलेक्ट्रिक होने वाली हैं. लेकिन 1 जनवरी 2024 के बाद सभी इलेक्ट्रॉनिक बसों को ही शामिल किया जाएगा.
-बुकिंग और डिजिटल पेमेंट करने के लिए ये बसें सवारी वन दिल्ली एप के साथ एकीकृत होंगी।
-ख़ास बात ये है कि इन बसों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लोग घर से निकलते ही मोबाइल से अपनी सीट बुक करेंगे जिसके आधार पर प्रत्येक बस केवल उतने ही यात्री लेकर रवाना होगी जितने सफर कर सके.
90 दिनों के अंदर लाइसेंस प्राप्त प्रत्येक एग्रीगेटर चालू होने वाली न्यूनतम 50 प्रीमियम बसों के बेड़े का संचालन और रखरखाव करेगा।
-मोबाइल एप्लिकेशन और वेब आधारित एप्लिकेशन पर पैनिक बटन भी अनिवार्य है.
-नियम के अनुसार सभी एग्रीगेटर मिनी, मिडी या पूरे आकार की बसें चला सकेंगे।
-एप सपोर्ट, सीसीटीवी और पैनिक बटन से यह बसें लैस होंगी।
-यात्रियों को केवल अधिसूचित बस क्यू शेल्टर में ही सवारियां लेना और उतारना होगा।
-बसों के मार्गों को एग्रीगेटर निर्धारित करने में सक्षम होगा।
-मोबाइल या वेब आधारित एप्लिकेशन पर ऐसे मार्गों को बताया जाएगा।
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