नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के फैसले को बदलते हुए दिल्ली पुलिस की PCR को अब एक अलग यूनिट की तरह काम करने के लिए स्वतंत्र किया है. गौरतलब है कि पूर्व पुलिस आयुक्त ने थानों में PCR को मर्ज़ […]
नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के फैसले को बदलते हुए दिल्ली पुलिस की PCR को अब एक अलग यूनिट की तरह काम करने के लिए स्वतंत्र किया है. गौरतलब है कि पूर्व पुलिस आयुक्त ने थानों में PCR को मर्ज़ कर दिया था.
अब आने वाले महीने के अंत तक यानी 30 मार्च तक PCR यूनिट जिला पुलिस से अलग हो जाएगी। बता दें, फिलहाल 5219 पीसीआरकर्मी और 750 पीसीआर वैन जिला पुलिस के अधीन आते हैं. पूर्व आयुक्त अस्थाना ने स्पेशल कमिश्नर पीसीआर और डीसीपी पीसीआर के पद को भी ख़त्म कर दिया था. जिसके बाद से कई बार शिकायतें आ रही थीं की PCR वैन समय पर मौके पर नहीं पहुँच पाती है. कंझावला काण्ड के समय भी PCR वैन समय पर नहीं पहुँच पाई थी. इस मामले में कई पीसीआरकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था.
इसके बाद नए पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने पीसीआर सिस्टम पर स्टडी करवाई थी. इस रिसर्च में सामने आया कि विलय के फैसले में कई विसंगतियां थीं. इस रिपोर्ट के बाद पीसीआर को अलग करने का फैसला लिया गया है.
गृह मंत्रालय के निर्देश पर अब कंझावला काण्ड को देखते हुए दिल्ली पुलिस पर बड़ी कार्रवाई की गई है. जहां युवती अंजलि को कार से 13 किलोमीटर तक घसीटने के मामले में वारदात वाली रात तीन PCR वैन और दो पिकेट में तैनात 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
इन अफसरों पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप है. गौरतलब है जहां ये हादसा हुआ था वहाँ से सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था जिसमें देखा गया था कि घटना के कुछ सेकेंड बाद ही पुलिस पीसीआर वैन मौका ए वारदात से गुज़री थी. इसी कड़ी में बीते दिनों दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने गृह मंत्रायल को मामले से जुड़ी रिपोर्ट सौपी थी. इस रिपोर्ट के बाद ही दिल्ली पुलिस पर यह कार्रवाई की गई है. इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में सीनियर पुलिस अधिकारियों के सुपरविजन में भी कमी पाई गई है.
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