नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की तारीखों का ऐलान कर दिया. राजधानी में 8 फरवरी को मतदान होगा जिसके बाद 11 फरवरी को वोटों की गिनती होगी. वर्तमान में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार है जिसका कुल 70 विधानसभा सीटों में से 67 पर कब्जा है. सिर्फ 3 सीट मनोज तिवारी की भाजपा के पास हैं जबकि अजय माकन की कांग्रेस के हाथ बिल्कुल खाली हैं. ऐसे में इन दोनों पार्टियों का आप से मुकाबला काफी ज्यादा मुश्किल नजर आता है.
अन्ना आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी साल 2013 में गठित हुई, 2014 में पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के नेतत्व में चुनाव जीतकर सरकार बनाई. हालांकि, 6 महीने में ही केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया. साल 2015 में चुनाव हुए और अरविंद केजरीवाल को बंपर जीत मिली. उस दौरान केजरीवाल ने कहा कि वे दिल्ली को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे, शिक्षा पर काम करेंगे. बिजली-पानी फ्री करेंगे. शहर की सार्वजनिक जगहों पर सीसीटीवी कैमरा, वाईफाई और बसों में मार्शल नियुक्त होंगे.
दिल्ली की जनता से केजरीवाल ने जिस तरह वादें किए उनकी सरकार ने धीरे-धीरे ही सही लेकिन करीब-करीब ये वादें पूरे किए. सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले महिलाओं का दिल्ली की बसों में सफर भी पूरा कर दिया. अरविंद केजरीवाल के इस कदम को चुनाव से पहले उनका मास्टरस्ट्रोक भी बताया गया. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस ने इसे केजरीवाल का चुनावी स्टंट बताया लेकिन कहीं न कहीं जनता खासतौर पर महिलाओं को आम आदमी पार्टी की स्कीम जरूर पंसद आई.
शिक्षा में अरविंद केजरीवाल की सरकार का शानदार काम बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुश्किल
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ही शिक्षा मंत्री भी हैं. उनके कार्यकाल में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय काम हुए जिनकी तारीफ देश ही नहीं विदेशों तक में हुईं. झारखंड के नए सीएम हेमंत सोरेन ने तो दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल के तर्ज पर अपने राज्य में काम करने की बात तक कह डाली.
दिल्ली के कई सारे सरकारी स्कूल आज बड़े और मंहगे प्राइवेट स्कूलों जैसे हैं. वहां पढ़ रहे छात्रों को कम फीस में वे सभी सुविधाएं दी जा रही हैं. शिक्षा में आप सरकार का अच्छा काम लोगों की नजरों में उनकी एक अच्छी इमेज बनाता है. बीजेपी और कांग्रेस के लिए यही सबसे मुश्किल है. दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं को जनता को समझाना आसान नहीं होगा.
बीजेपी-कांग्रेस के लिए आसान नहीं राह, अब तो आम आदमी पार्टी के पास प्रशांत किशोर भी हैं
अरविंद केजरीवाल सरकार ने काम तो अच्छा किया ही, चुनाव से पहले अपने प्रमोशन के लिए मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपनी चुनावी टीम में शामिल कर लिया. प्रशांत किशोर के आते ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार कैंपेन की शुरुआत भी की जिसमें नारा रखा ”अच्छे बीते पांच साल लगे रहो केजरीवाल.” प्रशांत किशोर चुनाव में अपनी रणनीति से सत्ता पलटाने का दम रखते हैं. साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार का चुनाव कैंपेन का जिम्मा भी प्रशांत किशोर के पास था.
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