Delhi Assembly Elections 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली की जनता पीएम नरेंद्र मोदी की बीजेपी या राहुल गांधी की कांग्रेस नहीं बल्कि उन्हें बंपर जीत दिलाने जा रही है. हालांकि, आंकड़ें तो कुछ और ही कहते हैं.
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का शुरुआत से खूब हो हल्ला है. अधिकतर सर्वों में भी आप को शानदार हालात में बताया गया. लेकिन शायद ऐसा न हो क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की बीजेपी 11 फरवरी के चुनाव नतीजों में चौंका भी सकती है. ये कोई हवाबाजी वाली बात नहीं है बल्कि दिल्ली का राजनीतिक समीकरण है.
दिल्ली में साल 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद साल 2017 में निकाय और 2019 में लोकसभा के लिए मतदान हुआ. खास बात है कि भाजपा की हालत हर चुनाव में मजबूत हुई. निकाय चुनाव में बीजेपी ने प्रदर्शन अच्छा किया तो लोकसभा चुनाव में शानदार. प्रतिशत के अनुसार देखें तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी को दिल्ली के आधे से ज्यादा मतदाताओं ने चुना.
2015 से 2019 तक दिल्ली के हर चुनाव में भाजपा को मिली बंपर बढ़त
विधानसभा चुनाव 2015 में जीत हासिल करने वाली आप पार्टी को 54.6 फीसदी वोट मिला जिसकी वजह से पार्टी के खाते में 67 सीटें आई. बीजेपी को 32.8 फीसदी वोट मिला लेकिन जीती सिर्फ 3 सीटें. कांग्रेस की हालात तो बेहद खराब रही और सिर्फ 9.7 फीसदी वोट ही मिले.
दिल्ली एमसीडी 2017 चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की. पार्टी के खाते में 36. 1 फीसदी मतदान हुआ. आम आदमी पार्टी को 26.2 प्रतिशत तो कांग्रेस को 21.1 फीसदी वोट मिला. वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में तो भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन ने हर उड़ाए और मोदी लहर में पार्टी को 56.9 फीसदी वोट मिला. कांग्रेस यहां दूसरे नंबर पर रही और पार्टी को 22.6 फीसदी लोगों ने वोट किया. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 18.2 प्रतिशत वोट मिला.
अब अगर आप आंकड़ों को देखें तो अंदाजा होता कि भाजपा को इस चुनाव में ज्यादा हल्का लेने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं थी. लेकिन कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बीजेपी को काफी हल्के में लिया. इसलिए उन्हें ही सबसे ज्यादा बड़ा सरप्राइज मनोज तिवारी की बीजेपी की ओर से मिल सकता है. दूसरी ओर कांग्रेस शांत है, हमेशा की तरह. न पार्टी में उत्साह दिखता है न कार्यकर्ताओं में.