नई दिल्ली: पिछले कई सालों से राजधानी दिल्ली की हवा ख़राब स्थिति में ही रही है. कोरोना काल में इसमें कुछ सुधार अवश्य देखने को मिला था लेकिन जैसे ही कोरोना काल के बाद गाड़ी पटरी पर लौटी दिल्ली की हवा फिर बद से बद्तर हो गई. मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट देखें तो पिछले […]
नई दिल्ली: पिछले कई सालों से राजधानी दिल्ली की हवा ख़राब स्थिति में ही रही है. कोरोना काल में इसमें कुछ सुधार अवश्य देखने को मिला था लेकिन जैसे ही कोरोना काल के बाद गाड़ी पटरी पर लौटी दिल्ली की हवा फिर बद से बद्तर हो गई. मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट देखें तो पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ गया है.
दरअसल हवा की गति कम होने के कारण राजधानी की हवा की गुणवत्ता गिर गई है. अब दिल्ली की हवा की गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है. गुरुवार को दिल्ली में एक दिन बाद ही हवा की गुणवत्ता फरीदाबाद व गुरुग्राम में भी खराब श्रेणी में ही रही. दिल्ली से सटे एनसीआर के अन्य प्रमुख शहरों में भी हवा की गुणवत्ता खराब देखी गई. जहाँ हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में ही रही.
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दो दिनों तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब रहने वाली है. आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में निचले स्तर पर बने रहने की संभावना है. मौसम विभाग की मानें तो रविवार को 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है. इससे राजधानी के लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सकती है और हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रह सकती है।
दिल्ली का एयर इंडेक्स 212
फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 216
गुरुग्राम का एयर इंडेक्स 231
गाजियाबाद का एयर इंडेक्स 159
ग्रेटर नोएडा का एयर इंडेक्स 180
नोएडा का एयर इंडेक्स 150 रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज राज्य के बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर IIT कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की. दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में अब वायु प्रदूषण के स्रोतों की रियल टाइम पहचान शुरू हो गई है. हम लंबे समय से इस पर काम कर रहे हैं। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया कि आईआईटी कानपुर के रियल टाइम रिसोर्स डिस्ट्रीब्यूशन स्टडी की आज विस्तार से समीक्षा की गई. इस दौरान स्रोतों और संदूषण के आंकड़ों को रियल टाइम में समझा गया। सीएम ने कहा कि इस अत्याधुनिक तकनीक से प्राप्त आंकड़ों से परिचित होने के बाद पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. हमें तत्काल प्रभाव से प्रदूषण के स्रोतों और स्थानों को रोकने की योजना बनाएँगे।
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