नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के सर्वर हैकिंग मामले को लेकर मंगलवार को गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. तकरीबन डेढ़ घंटे तक ये बैठक चली, बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि अभी तक जांच किस दिशा में की जा रही है. गृह […]
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के सर्वर हैकिंग मामले को लेकर मंगलवार को गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. तकरीबन डेढ़ घंटे तक ये बैठक चली, बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि अभी तक जांच किस दिशा में की जा रही है. गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई इस बैठक में सभी संबंधित एजेंसियां जिसमें दिल्ली पुलिस, सूचना प्रौद्यगिकी मंत्रालय, एम्स प्रशासन, एनआईए कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के लोग शामिल थे, बैठक में इन्होने सरकार को बताया कि सर्वर को सुचारू रूप से चालू करने के लिए हर तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो के सीनियर अधिकारी, एम्स एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े अधिकारी समेत दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे.
कांग्रेस ने एम्स के सर्वर हैक किए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि देश में साइबर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गया है लेकिन तब भी सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.
दरअसल, 23 नवंबर की सुबह से दिल्ली AIIMS का सर्वर डाउन है, शुरुआत में, टेक्नीशियन सर्वर के रेस्पॉन्स नहीं करने के पीछे के कारणों का पता लगा रहे थे, उस समय सिर्फ ये कयास लगाए जा रहे थे कि इसे हैक करने की कोशिश की गई है लेकिन अब ये साफ़ हो गया है कि सर्वर को हैक किया गया है. बता दें AIIMS दिल्ली के सर्वर पर देश की सभी बड़ी और नामचीन हस्तियों के मेडिकल रिकॉर्ड और अन्य जानकारियां है, जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों का मेडिकल रिकॉर्ड है. ऐसे में, सर्वर हैक होना बहुत संवेदनशील मुद्दा मिल गया है.
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