नई दिल्ली। दिल्ली को अतिक्रमण और अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए DDA एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. बता दें कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ करार किया है. इसरो की मदद से डीडीए अपनी खाली पड़ी जमीन की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा […]
नई दिल्ली। दिल्ली को अतिक्रमण और अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए DDA एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. बता दें कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ करार किया है. इसरो की मदद से डीडीए अपनी खाली पड़ी जमीन की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा और जहां कहीं भी अवैध कब्जा या अतिक्रमण हुआ है, उसकी पहचान कर उसे मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा. इस दिशा में काम शुरू हो गया है.
गौरतलब है कि अवैध कब्जे और अतिक्रमण ने दिल्ली का नक्शा ही खराब कर दिया है. अकेले डीडीए के लगभग 400 भूखंडों में झुग्गियां हैं और अधिकांश अनधिकृत कॉलोनियां भी सरकारी जमीन पर बसी हैं. अवैध कब्जे और अतिक्रमण के इस चक्र को रोकने के लिए डीडीए ने अब तकनीकी मदद का सहारा लेने का फैसला किया है.
जानकारी के अनुसार डीडीए ने भूमि अभिलेखों के समुचित प्रबंधन के लिए भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली शुरू की है. इसमें भूमि अभिलेख प्रबंधन, अतिक्रमण प्रबंधन और विध्वंस गतिविधियों की निगरानी सहित प्रमुख गतिविधियां शामिल होंगी.
4000 से अधिक भूखंडों का किया चयन
पहले चरण में डीडीए ने इसके लिए 4000 से अधिक भूखंडों का चयन किया है. इसके अलावा समय-समय पर अतिक्रमण पर नजर रखने के लिए सैटेलाइट फोटो लेने सहित अन्य तकनीकी सहायता भी ली जाएगी. डीडीए ने दिल्ली के नियोजित क्षेत्रों को कवर करते हुए लगभग 1500 कॉलोनियों के लेआउट प्लान को भी डिजिटाइज़ किया है. इन सभी मानचित्रों को सैटेलाइट इमेज की मदद से तैयार किया गया है. सभी मैप और लेआउट प्लान डीडीए की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिए गए हैं.अब इनकी सहायता से जीआईएस प्लेटफॉर्म पर प्रत्येक भूखंड और कॉलोनी के संबंध में विशेषताओं, आयामों, भूमि उपयोग आदि का सत्यापन किया जा सकता है.
डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि जन शिकायतों के निवारण के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और वेब सक्षम एप्लिकेशन की एक मजबूत प्रणाली लागू की गई है. इसे जल्द ही केंद्र सरकार की अन्य केंद्रीकृत प्रणालियों – केंद्रीकृत लोक शिकायत पता और निगरानी प्रणाली और एलजी लिसनिंग पोस्ट के साथ भी एकीकृत किया जाएगा.
सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण को रोकने के लिए एसटीएफ का शिकायत निवारण तंत्र भी शिकायत निवारण प्रणाली की एक अतिरिक्त विशेषता है. पिछले दो वर्षों में एसटीएफ के माध्यम से 132049 और अन्य शिकायतों के 60187 मामलों का ऑनलाइन समाधान किया गया है.