दारुल उलूम देवबंद ने एक व्यक्ति के बैंक कर्मचारियों के घर में रिश्ता करने के सवाल पर फतवा जारी किया है. जिसके मुताबिक बैंक में नौकरी करने वालों से रिश्ता जोड़ना हराम है क्योंकि बैंक तंत्र पूरी तरह ब्याज पर आधारित है जिसकी इस्लाम में मनाही है
लखनऊः इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा जारी किया है जिसमें कहा गया है कि बैंक की नौकरी करने वालों से रिश्ता जोड़ने से मना किया है. एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवाल पर दारुल उलूम ने फतवा जारी करते हुए यह बात कही. बता दें कि शख्स ने पूछा था कि उसकी शादी के लिए कुछ ऐसे घरों से रिश्ते आए हैं जहां लड़की के पिता बैंक में नौकरी करते हैं. उसने पूछा कि पूरा बैंकिंग तंत्र पूरी तरह से ब्याज पर आधारित है जो कि इस्लाम में हराम है. ऐसी स्थिति में क्या ऐसे घर में शादी करना इस्लामी नजरिए से ठीक होगा.
जिसके जवाब में जारी फतवे में कहा गया कि ऐसे परिवार में शादी करने से परहेज किया जाए. हराम दौलत से पले लोग ज्यादातर लोग सहज प्रवत्ति और नैतिक रूप से अच्छे नहीं होते. लिहाजा, ऐसे घरों में रिश्ते से परहेज करना चाहिए. फतवे में कहा गया कि बेहतर है कि किसी पवित्र परिवार में रिश्ता ढूंढा जाए. बता दें कि इस्लामी कानून में ब्याज के लिए रकम देना या लेना हराम माना जाता है.
इस्लामी कानून के चलते दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर बैंक की नौकरी करने वाले घरों में शादी करने से परहेज करने की बात कही है. बता दें कि इस्लाम के मुताबिक धन का अपना स्वभाविक मूल्य नहीं होता, जिसके चलते उसे लाभ के लिए रहन पर लिया या दिया नहीं जा सकता. केवल शरीयत के हिसाब से ही इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
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