तीन तलाक और हलाला पीड़िता के पक्ष में उतरी आला हजरत परिवार की बहू निदा खान तो दारुल इफ्ता ने सुनाया हुक्का-पानी बंद का फरमान

निकाह और हलाला के फेर में फंसी बरेली की शबीना को आला हजरत दरगाह खानदान की तीन तलाक पीड़िता बहू निदा खान का साथ मिला तो उन्हें भी जान से मारने की धमकियां मिलीं. अब दारुल इफ्ता ने निदा खान के खिलाफ फतवा जारी कर उनका समाज से हुक्का पानी बंद करने का फरमान सुनाया गया है. निदा खान तीन तलाक के विरोध में आवाज बुलंद कर रही हैं, इसे देखते हुए शबीना ने उनसे मदद मांगी थी. शबीना का पति उसे दूसरी बार तलाक देकर अपने भाई के साथ हलाला कराना चाहता है. पहले वह अपने पिता के साथ हलाला करा चुका है.

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तीन तलाक और हलाला पीड़िता के पक्ष में उतरी आला हजरत परिवार की बहू निदा खान तो दारुल इफ्ता ने सुनाया हुक्का-पानी बंद का फरमान

Aanchal Pandey

  • July 16, 2018 10:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

लखनऊ. ऐसे समय में जब सुप्रीम कोर्ट निकाह और हलाला के मामलों की सुनवाई कर रहा है, तीन तलाक की एक पीड़िता सामने आई है. ट्रिपल तलाक और हलाला के जाल में फंसी पीड़िता का कहना है कि उसे कई बार तलाक दिया गया और बार-बार दोबारा शादी के लिए मजबूर किया गया. पीड़िता बरेली की रहने वाली शबीना है. शबीना खान ने इसके खिलाफ लड़ने की ठानी तो उसे उसके समुदाय के लोगों ने जान से मारने की धमकी देना शुरू कर दिया. शबीना आला हजरत खानदान की बहू निदा खान की शरण में पहुंचीं. निदा खान ने शबीना का समर्थन किया तो समाज ने उनका भी हुक्का पानी बंद कर दिया है.

आला हजरत खानदान की बहू निदा खान खुद तलाक पीड़िता हैं. निदा ने शबीना पर हो रहे अत्याचार सामने लाने के लिए प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसके बाद दरगाह आला हजरत के दारूल इफ्ता ने निदा खान के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है. बरेली के शहर इमाम मुफ़्ती खुर्शीद आलम ने प्रेस कांफ्रेंस कर निदा का हुक्का पानी बंद करने की जानकारी दी.

निदा के खिलाफ जारी किए गए फतवे में कहा गया है कि उनकी मदद करने, मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को इस्लाम से खारिज कर दिया जाएगा. अगर वो बीमार पड़ती हैं तो उन्हें दवा नहीं दी जाएगी. उनकी मौत पर जनाजे की नमाज नहीं होगी और मरणोपरांत उन्हें दफनाने के लिए कब्र में जगह नहीं मिलेगी. इस फतवे के बाद निदा ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर उन्हें खारिज करने वालों को जमकर खरी- खरी सुनाई.

निदा खान ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां दो कानून नहीं चलेंगे. उनके खिलाफ फतवा जारी करने वाले पाकिस्तान चले जाएं. निदा ने फतवे पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस्लाम से खारिज करने वाले ये लोग होते कौन हैं. ये शरीयत के नाम पर सिर्फ आवाम को भड़का रहे हैं और अपनी राजनीति चमका रहे हैं. उन्होंने आला हजरत खानदान पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां पहले से हराम काम हो रहा है. दारुल इफ्ता में औरतों को इंसाफ नहीं मिलता और मर्दों से पैसे लेकर उनके पक्ष में फैसला दे दिया जाता है.

निदा खान जिस शबीना के पक्ष में खड़ीं हैं वे दो बार तलाक का शिकार हो चुकी हैं. शबीना कहती हैं कि उसके पति ने पहली बार इंस्टेंट तलाक दिया था. इसके बाद उस पर फिर से शादी करने के लिए दबाव बनाया गया. शादी से पहले उसे तलाक के बाद होने वाली हलाला रस्म के लिए मजबूर किया गया. युवक ने अपने पिता के साथ शबीना का हलाला कराया ताकि वह फिर से शादी कर सके. इसके बाद भी शबीना की तकलीफें खत्म नहीं हुई थीं.

पिता से हलाला कराने के बाद उसके पति ने उससे फिर से शादी कर ली. इसके कुछ महीने बाद उसने फिर से शबीना को तलाक दे दिया और अपने भाई के साथ हलाला करने के लिए दबाव बनाया. इसके बाद शबीना ने तय कर लिया कि वह हर हालत में इसका विरोध करेगी. शबीना ने इसके लिए हजरत अली दरगाह खानदान की बहूर निदा खान से मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद निदा खान ने प्रेस कांफ्रेंस कर शबीना को मीडिया के सामने पेश किया और उसके साथ हो रहे अत्याचारों से अवगत कराया. निदा खान खुद भी तीन तलाक की पीड़ित रही हैं और इसके खिलाफ लड़ रही हैं.

निदा खान और शबीना ने फिलहाल स्थानीय पुलिस स्टेशन में पांच लोगों पर जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया है. दोनों ने बताया कि कुछ लोग उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. साथ ही लोगों का कहना है कि जो शरीयत का पालन नहीं करता खुद ही इस्लाम से बाहर हो जाता है और जो शरीयत के खिलाफ आवाज उठाता है उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं.

एसपी सिटी अभिनंदन सिंह का कहना है कि इस मामले में केस दर्ज कर जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं दूसरी तरफ बरेली के शेखर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम का कहना है कि कुछ लोग मीडिया अटेंशन पाने के लिए इस्लाम और हलाला का नाम ले रहे हैं.

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