बिल्कुल अलग है पारसी धर्म में अंतिम संस्कार का तरीका, आसमान को सौंप देते हैं शव

नई दिल्ली. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री का रविवार को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया, साइरस मिस्त्री रविवार को एक पारसी धर्म गुरु से मिलने गुजरात के उदवाड़ा गए थे, लेकिन वापस लौटते वक्त उनकी गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई. हादसा इतना भीषण था कि मर्सिडीज के आगे के हिस्से के […]

Advertisement
बिल्कुल अलग है पारसी धर्म में अंतिम संस्कार का तरीका, आसमान को सौंप देते हैं शव

Aanchal Pandey

  • September 5, 2022 5:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री का रविवार को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया, साइरस मिस्त्री रविवार को एक पारसी धर्म गुरु से मिलने गुजरात के उदवाड़ा गए थे, लेकिन वापस लौटते वक्त उनकी गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई. हादसा इतना भीषण था कि मर्सिडीज के आगे के हिस्से के परखच्चे उड़ गए, मिस्त्री के साथ पारसी समुदाय के ही तीन और लोग मौजूद थे जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई और दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सायरस मिस्त्री का शव पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिवार को सौंपा गया है, अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक साइरस मिस्त्री के कुछ रिश्तेदार विदेश में भी रहते हैं, ऐसे में संभव है कि मंगलवार को मिस्त्री का अंतिम संस्कार किया जाए.

क्यों शव को जलाते या दफनाते नहीं हैं पारसी?

सायरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार पारसी धर्म के मुताबिक ही किया जा सकता है, दरअसल इस धर्म में अंतिम संस्कार का बिल्कुल ही अलग तरीका अपनाया जाता है. हिंदू धर्म में तो लोग शव को अग्नि या जल को सौंप देते हैं, लेकिन ईसाई और मुस्लिम लोग शव को दफना देते हैं. वहीं पारसी अग्नि, जल और धरती तीनों को ही पवित्र मानते हैं इसलिए उनका मानना है कि शव को जलाने से अग्नि तत्व अपवित्र हो जाता है और इसी तरीके से इसे नदी में प्रवाहित करने से जल तत्व और दफनाने से पृथ्वी तत्व प्रदूषित हो जाता है. इसी वजह से वे मृत्यु के बाद शव को आसमान को सौंपते हैं.

आसमान को कैसे सौंपते हैं शव?

दुनियाभर में पारसी समुदाय की आबादी लगभग 1 लाख के करीब है, जिसमें से आधे से ज्यादा मुंबई में ही रहते हैं. मुंबई में टावर ऑफ साइलेंस भी बनाया गया है, इसे दखमा भी कहते हैं, शव को आसमान को सौंपने के लिए उसे इसी गोलाकार जगह की चोटी पर रखा जाता है और सूरज की रौशनी में शव छोड़ दिया जाता है. इसके बाद गिद्ध, चील और कौए शव को खा जाते हैं, दरअसल पारसी समुदाय के लोग मृत शरीर को अपवित्र मानते हैं, हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सायरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार इसी पद्धति से किया जाएगा या नहीं.

 

Cyrus Mistry: सीट बेल्ट नहीं लगाने की वजह से हुई साइरस मिस्त्री की मौत? जानें एक्सिडेंट की बड़ी बातें

Advertisement