असम में चक्रवात सितरंग ने मचाई तबाही! 83 गांव के करीब 1100 लोग प्रभावित

असम. असम में चक्रवात सितरंग की वजह से मंगलवार को भी स्थिति चिंताजनक ही बनी हुई है, यहां चक्रवाती तूफान के चलते बाढ़ आ गई. जिसमें 83 गांव के करीब 1100 लोग प्रभावित हुए हैं, भारी बारिश और बारिश के चलते कई घरों को भी क्षति हुई है. असम राज्य आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के […]

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असम में चक्रवात सितरंग ने मचाई तबाही! 83 गांव के करीब 1100 लोग प्रभावित

Aanchal Pandey

  • October 26, 2022 4:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

असम. असम में चक्रवात सितरंग की वजह से मंगलवार को भी स्थिति चिंताजनक ही बनी हुई है, यहां चक्रवाती तूफान के चलते बाढ़ आ गई. जिसमें 83 गांव के करीब 1100 लोग प्रभावित हुए हैं, भारी बारिश और बारिश के चलते कई घरों को भी क्षति हुई है. असम राज्य आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक, तूफान से 1146 लोग प्रभावित हुए हैं और 325.501 हेक्टेयर फसल भी बर्बाद हुई हैं.

अधिकारियों की मानें तो इस चक्रवात ने सबसे ज्यादा तबाही असम में ही मचाई है. राज्य के नगांव जिले के कई क्षेत्रों में तूफान के चलते कई पेड़ और बिजली के खंभे भी उखड़ गए हैं. रिपोर्टों के मुताबिक, कलियाबोर, बामुनि, सकमुठिया चाय बागान और बोरलीगांव में कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. हालांकि, इस तूफ़ान में अब तक किसी के भी क्षतिग्रस्त होने की कोई खबर नहीं आई है.

क्यों दिया गया ये नाम

इस चकक्रवात का नाम सितरंग दिया गया है, ये नाम छह मौसम विज्ञान केंद्र के समूह आरएसएमसी और पांच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों टीसीडब्ल्यूसी ने मिलकर दिया है. इस पैनल के तहत 13 सदस्य देश आते हैं और चक्रवात को लेकर यह पैनल ही दिशा-निर्देश जारी करता है. इस पैनल में भारत, बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल है, बता दें इस चक्रवाती तूफान का नाम सितरंग थाईलैंड ने सुझाया था.

मौसम विभाग ने इसे लेकर पहले की कहा था इस कम दबाव वाले क्षेत्र के धीरे-धीरे एक चक्रवाती तूफान के रूप में बदलने की पूरी संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक,, “25 अक्टूबर को चक्रवात सितरंग के पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने और पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के पास पहुंचने की संभावना है.” हालांकि, राहत की बात यह है कि आईएमडी ने इसे लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया था लेकिन राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती कर दी गई थी.

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