पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर क्राइम की टीम ने एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बता दें यह गैंग टेलीग्राम और बाकी प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों से ठगी करता था। वहीं गिरफ्तार आरोपियों में दो कोच भी शामिल हैं, जो साइबर ठगी के तरीके सिखाते थे। […]
पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर क्राइम की टीम ने एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बता दें यह गैंग टेलीग्राम और बाकी प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों से ठगी करता था। वहीं गिरफ्तार आरोपियों में दो कोच भी शामिल हैं, जो साइबर ठगी के तरीके सिखाते थे। ये लोग कमीशन का लालच देकर ग्रामीण और कम पढ़े-लिखे लोगों के नाम पर बैंकों में करंट अकाउंट खुलवाते थे, जिन्हें बाद में टेलीग्राम ग्रुप्स पर एक से पांच लाख रुपये में बेच दिया जाता था।
इस गैंग का भंडाफोड़ तब हुआ, जब पुलिस ने केदारनाथ रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्जी कंपनी के नाम पर चालू खाता खोलने की कोशिश में तीन लोगों को पकड़ा और उनसे पूछताछ की गई। वहीं जानकारी के आधार पर पुलिस ने मोतिहारी में छापेमारी कर दो ट्रेनर्स को भी हिरासत में लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 8.40 लाख रुपये नकद, सोने के गहने, नौ मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, फर्जी मुहर और बाकी सामान बरामद किया है। इस दौरान पुलिस का कहना है कि यह पैसे फर्जी खातों के जरिए की गई ठगी से कमाए गए कमीशन के है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पूर्वी चंपारण के दरमाह गांव के आशीष चंद्र, छोटन सिंह, संग्रामपुर के विक्की कुमार, तुर्किलिया के मोहब्बत और छपरा गांव के देवा कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके खिलाफ साइबर थाने में मामला दर्ज किया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सिटी एसपी विक्रम सिहाग ने जानकारी देते हुए बताया कि केदारनाथ रोड पर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में संदिग्ध गतिविधियों के चलते तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में साइबर फ्रॉड में उनकी भागेदारी का पता चला।
इसके बाद एसएसपी राकेश कुमार के निर्देशन पर टीम ने पूर्वी चंपारण में छापेमारी कर गैंग के दो ट्रेनर्स को भी गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि आरोपी ठगी से कमाए गए पैसों से लग्जरी गाड़ियां, मकान और 12 बीघा जमीन खरीद चुके हैं। बता दें ये गंग टेलीग्राम पर एक ग्रुप बनाकर कम पढ़े-लिखे और बेरोजगार लोगों को निशाना बनाते थे। इनसे पहले बैंक अकाउंट खुलवाते, फिर पैसों का लालच देकर उनके अकाउंट की डिटेल्स लेते। इन फर्जी खातों के जरिए जमा पैसों को निकालकर ठगी की रकम अपने पास रखते थे।
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